By अनन्या मिश्रा | Sep 24, 2025
आज के समय में अधिकतर लोगों को यह समस्या रहती है कि रात में उनकी नींद बार-बार टूटती है, जिस कारण उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। नींद पूरी न हो पाने पर व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं घेर लेती हैं। ऐसे में अगर आपको भी इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। तो यह आर्टिकल आपके लिए है। दरअसल, इस समस्या के समाधान के लिए वास्तु में कुछ उपाय बताए गए हैं। ऐसे में आप इन वास्तु उपायों को आजमाकर फायदा पा सकते हैं। इसलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको वास्तु के उन उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि अगर आप उत्तर और पश्चिम दिशा में सिर करके सोते हैं, तो ऐसा करने से रोगों में वृद्धि हो सकती है और जातक की उम्र घटने लगती है। सोने के दौरान आपका सिर पूर्व दिशा या फिर दक्षिण दिशा में होना चाहिए। साथ ही बेड भी दक्षिण दिशा में होना चाहिए।
नींद पर रंगों का भी काफी गहरा असर पड़ता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक बेडरूम की दीवरों से लेकर बेडशीट तक का रंग भी हल्का होना चाहिए। ऐसा करने से आपको नींद की समस्या में आराम देखने को मिल सकता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि सोने के दौरान पैरों को दरवाजे की ओर नहीं रखना चाहिए। वरना इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
सोने से पहले सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे लैपटॉप और फोन आदि को अपने आसपास से हटा देना चाहिए और इस चीजों को दूर रखकर सोना चाहिए। वास्तु में बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक सामान को अपने पास रखकर सोते हैं, तो इससे आपकी नींद में बाधा आ सकती है। साथ ही ऐसा करने से आपकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। वहीं ध्यान रखें कि बेड के नीचे भी कोई सामान नहीं होना चाहिए। क्योंकि ऐसा होने से वास्तु दोष पैदा हो सकता है, साथ ही बार-बार नींद टूटने की समस्या हो सकती है।
बता दें कि शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि कभी भी सूर्यास्त के फौरन बाद और गोधूलि बेला में सोना नहीं चाहिए। सोने के लिए सबसे अच्छा समय रात के पहले प्रहर को माना जाता है। वहीं सुबह उठने का सबसे उत्तम समय ब्रह्म मुहू्र्त है। वहीं दिन में सोने से कई तरह के रोग उत्पन्न हो सकते हैं।