By अभिनय आकाश | Oct 24, 2025
एक बार फिर से पूरी दुनिया के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने अमेरिका तक को हिला कर रख दिया। डोनाल्ड ट्रंप ने जो कहा था वो झूठा साबित हुआ और भारत ने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुछ हफ्तों से लगातार भारत को धमकियां दे रहे हैं। उन्होंने पहले कहा कि पीएम मोदी से उन्होंने बात की। पीएम मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। लेकिन पांच दिन बाद ट्रंप ने खुद अपने बयान से पलटी मार ली। ट्रंप ने कहा कि अब मोदी जी ने कहा है कि भारत रूस से तेल खरीदेगा लेकिन थोड़ा कम यानी पांच दिन में ट्रंप अपने ही बयान से पलट गए। ट्रंप के इस चाल को पीएम मोदी ने बिना कुछ बोले ऐसा जवाब दिया, जिससे पूरी दुनिया दंग रह गई।
भारत ने रूस से न सिर्फ तेल खरीदना जारी रखा बल्कि उसमें और इजाफा कर दिया। ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी एजेंसी कैपलर के अनुसार अक्टूबर में भारत ने रूस से तेल खरीद में ढाई लाख बैरल प्रतिदिन की बढ़ोतरी कर दी है। अब रोजाना 1.8 मिलियन बैरल तेल रूस से खरीदा जा रहा है यानी रूस से तेल खरीदने में भारत ने न तो कोई कटौती की है और न ही कोई रुकावट है। बल्कि ट्रंप की धमकी के बीच इसे और बढ़ा दिया गया है। याद रखें कि जब अमेरिका ने यूरोप को कहा था कि रूस से दूरी बनाओ तब भारत ने कहा था कि हम अपनी एनर्जी जरूरतों के हिसाब से फैसले लेंगे और किसी के दवाब में नहीं। आज वही बात सच साबित होती है। रूस से आना वाला सस्ता तेल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बूस्टर डोज बन गया और पश्चिम देशें की नींद उड़ चुकी है।
तेल तो बस शुरुआत थी और असली धमाका तो तब हुआ जब भारत ने रूस से 10 हजार करोड़ की बड़ी मिसाइल डील की तैयारी शुरू कर दी। भारत अब रूस से एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम के लिए भारी मात्रा में मिसाइलें खरीदने जा रहा है। आपको याद होगा जब पाकिस्तान ने भारतीय सीमा के पास ड्रोन और मिसाइलों से खतरनाक एक्टिविटी की थी तो भारत के एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम ने पलत झपकते ही उसे ढेर कर दिया था। अब भारत वही सिस्टम और मजबूत करने जा रहा है। रक्षा मंत्रालय ने कई सैन्य आधुनिकीकरण परियोजनाओं को प्रारंभिक मंजूरी दे दी, जिनमें उभयचर युद्धक जहाजों और सशस्त्र ड्रोनों से लेकर रूसी एस-400 वायु रक्षा मिसाइलों और स्वदेशी नाग एंटी टैंक मिसाइल प्रणालियों तक शामिल हैं, जिनकी सामूहिक लागत लगभग 79,000 करोड़ रुपये (9 बिलियन डॉलर) है।
जिस मेगा प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दी जानी थी, वह था 10,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की लागत से एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणालियों के लिए 120, 200, 250 और 380 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली बड़ी संख्या में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का अधिग्रहण। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस बड़े मिसाइल ऑर्डर से एस-400 प्रणालियों की पूर्ति के साथ-साथ उनके भंडार का निर्माण भी होगा, जो मई में पाकिस्तान के साथ सीमा पार की शत्रुता के दौरान एक बड़ा बदलाव साबित हुए थे।