आतंकवाद से मुकाबले को लेकर भारत के रुख में आया बड़ा बदलाव: राजनाथ सिंह

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 26, 2020

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को बालाकोट हवाई हमले की पहली वर्षगांठ पर कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने के भारत के रुख में बड़ा बदलाव आया है और अब सैन्य बल आतंकवादी हमलों से देश की रक्षा करने के लिए सीमा पार अभियान से नहीं हिचकिचाते। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बम बरसाए थे। 

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सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘भारत आज बालाकोट हवाई हमले की पहली वर्षगांठ मना रहा है। यह वायुसेना के निर्भीक योद्धाओं द्वारा किया गया सफल आतंकवाद निरोधक अभियान था।’’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए नया रूख अपनाया है जो आतंकवाद की बुराई से भारत की रक्षा के लिए सीमा पार हमला करने के उसके निश्चय को दर्शाता है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 का बालाकोट हवाई हमला इस बदलाव के गवाह हैं। यह निश्चित तौर पर नया और आत्मविश्वास से भरा भारत है।’’

सेना ने 29 सितंबर, 2016 को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार आतंकी लांच पैडों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। यह कार्रवाई एक माह पहले उरी में सेना के बेस पर हुए आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए की गई थी। पिछले साल 26 फरवरी को पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी शिविर पर भारत के जंगी विमानों के हमले और उसके अगले दिन पाकिस्तान वायुसेना द्वारा की गयी बदले की कार्रवाई से परमाणु शक्ति संपन्न दोनों देशों के बीच जंग छिड़ जाने का डर पैदा हो गया था।

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इस टकराव का चेहरा विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान थे जिन्हें उनके मिग 21 को मार गिराये जाने के बाद पकड़ लिया गया था। फलस्वरूप कई दशकों में पहली बार दोनों पड़ोसी देशों के बीच गंभीर सैन्य संकट पैदा हो गया था। लेकिन बड़ी शक्तियों के राजनयिक संपर्क और भारत की कड़ी चेतावनी के बाद पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा कर दिया और स्थिति बिगड़ते बिगड़ते बच गयी। सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख और आतंकवाद का मुकाबले करने के हमारे तरीकों को बदलने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं।’’ बालाकोट बम हमले को भारत के आतंकवाद निरोधक रूख में एक सैद्धांतिक बदलाव के रूप में देखा गया क्योंकि पाकिस्तान के बहुत अंदर जाकर हमला किया गया था।

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