Baba Neem Karoli Death Anniversary: बड़ी-बड़ी हस्तियां हैं बाबा नीम करोली की भक्त, मानते हैं हनुमान जी का अवतार

By अनन्या मिश्रा | Sep 11, 2023

भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी नीम करोली बाबा को प्रसिद्ध संत के रूप में जाना जाता है। नीम करोली बाबा 20वीं सदी के महान संतों में एक थे। इनके दर्शन के लिए बड़ी-बड़ी हस्तियां लालायित रहती थीं। आज भी नीम करोली बाबा के मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती है। बता दें कि बाबा नीम करोली के भक्तों में आम लोगों के अलावा एप्पल कंपनी के फाउंडर स्टीव जॉब्स, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, क्रिकेटर विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा का नाम भी शामिल है। 


बता दें कि आज ही के दिन यानी की 11 सितंबर को बाबा नीम करोली ने अपनी देह का त्याग कर दिया था। बाबा के भक्त उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं। बाबा नीम करोली के जीवन से जुड़े कई चमत्कार हैं। हालांकि इतनी सारी दिव्यता होने के बाद भी बाबा खुद को एक साधारण व्यक्ति मानते थे। इस बात का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि बाबा नीम करोली किसी भी भक्त को अपने पैर नहीं छूने देते थे। आइए जानते हैं बाबा नीम करोली के जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्सों के बारे में...

इसे भी पढ़ें: Vinoba Bhave Birth Anniversary: गांधी जी के एक भाषण ने बदल दी विनोबा भावे की जिंदगी, ऐसा रहा उनका सफर

जन्म 

उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में 1900 के करीब नीम करोली बाबा का जन्म हुआ था। बाबा के पिता का नाम दुर्गा प्रसाद था। वहीं नीम करोली बाबा का असली नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था। बाबा नीम करोली अपने जीवन काल में लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा, तिकोनिया वाले बाबा, नीम करोली बाबा और तलइया बाबा के नामों से भी जाने जाते थे। किरहीन गांव से बाबा की शुरूआती शिक्षा शुरू हुई थी। वहीं 11 साल की अल्पायु में उनका विवाह कर दिया गया था। लेकिन बाद में उन्होंने अपना घर त्याग दिय़ा था।


ज्ञान की प्राप्ति

बता दें कि महज 17 साल की उम्र में नीम करोली बाबा को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। उन्होंने घर छोड़ने के बाद गुजरात में एक वैष्णव मठ में दीक्षा लेकर साधना करने लगे। इस दौरान बाबा नीम करोली ने कई स्थानों का भ्रमण किया। लेकिन एक बार फिर उन्हें अपने गृहस्थ जीवन में वापस लौटना पड़ा। जिसके बाद उन्हें दो पुत्र और एक पुत्री हुई। जिसके बाद साल 1958 में उन्होंने एक बार फिर अपना घर त्याग दिया। 


तमाम स्थानों का भ्रमण करते हुए बाबा उत्तराखंड के कैंची धाम पहुंच गए। साल 1964 में बाबा नीम करोली ने कैंची धाम आश्रम की स्थापना की। बाबा ने इस स्थान पर भगवान हनुमान जी के मंदिर की स्थापना की थी। साल 1961 में बाबा पहले बार अपने मित्र पूर्णानंद के साथ इस स्थान पर आए थे और तभी उन्होंने यहां पर आश्रम बनाने का विचार किया था। आपको बता दें कि बाबा नीम करोली के आश्रम कैंची धाम में ना सिर्फ भारत के बल्कि विदेशों से भी भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा बाबा के आश्रम विदेशों में भी हैं।


देह त्याग

एक बार बाबा नीम करोली आगरा से नैनीताल जा रहे थे। तभी रास्ते में तबियत अधिक बिगड़ जाने के कारण उनको वृंदावन स्टेशन पर उतरना पड़ा। जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। लेकिन बाबा नीम करोली ने तुलसी और गंगाजल ग्रहण कर 11 सितंबर 1973 को अपनी देह का त्याग कर दिया। नीम करोली बाबा की वृंदावन में समाधि मंदिर है।


हनुमान जी की पूजा करते थे बाबा नीम करोली

बाबा के भक्त उन्हें भगवान हनुमान जी का अवतार मानते थे। लेकिन बाबा नीम करोली खुद हनुमान जी के उपासक थे। उन्होंने अपने जीवन में हनुमान जी के कई मंदिर भी बनवाए। जब भी उनका कोई भक्त बाबा की पैर छूने का प्रयास करता तो बाबा उसे पैर छूने से मना कर देते और कहते कि पैर छूना है तो हनुमान जी के पैरों को छुओ। हालांकि उनके भक्तों के बीच बाबा नीम करोली को लेकर काफी श्रद्धा देखने को मिलती है। वह अपने भक्तों के बीच अलौकिक रूप में हमेशा विराजमान रहते हैं।

प्रमुख खबरें

Raat Akeli Hai: The Bansal Murders Movie Review | कैसी है नवाजुद्दीन सिद्दीकी की क्राइम थ्रिलर मूवी?

Easy Makeup Steps: पार्लर जैसा ग्लो मिनटों में, घर बैठे ये 5 आसान स्टेप्स, अब हर फंक्शन पर दिखें सबसे खूबसूरत

Delhi में PM Modi और Amit Shah से मिले नीतीश कुमार, सम्राट चौधरी भी रहे साथ

UP Supplementary Budget: इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगी रफ्तार, योगी सरकार के 24496 करोड़ वाले अनुपूरक बजट में क्या-क्या