By अंकित सिंह | Nov 24, 2021
एक ओर जहां बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं और लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई के आदेश भी दे रहे हैं तो वहीं नीतीश कुमार पर विपक्ष हमलावर है और शराबबंदी कानून फेल होने का आरोप लगा रहा है। इन सबके बीच नीतीश कुमार की सहयोगी पार्टी भाजपा के एक विधायक ने शराबबंदी कानून को खत्म करने की मांग कर दी है। भाजपा विधायक की मांग के बाद बिहार के राजनीति गर्म हो गई है। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने साफ तौर पर कहा कि जिस तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा दिल दिखाते हुए कृषि कानूनों को वापस ले लिया वैसे ही शराब बंदी कानून को भी नीतीश कुमार वापस ले लें।
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर 7 घंटे तक की मैराथन समीक्षा बैठक की थी। अपनी बैठक में नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कह दिया कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शराबबंदी कानून को और प्रभावी बनाने के लिए गांव के चौकीदार से डीजीपी तक की जवाबदेही को तय कर दिया गया है। बैठक में यह भी कहा गया है कि शराबबंदी को लेकर लापरवाही बरतने वाले थानेदारों को अगले 10 सालों तक ड्यूटी नहीं करने दी जाएगी। अगर इसमें उनकी संलिप्तता पाई जाती है तो उन्हें बर्खास्त करने तक की भी कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि सेंट्रल टीम अब राज्य भर में लगातार छापेमारी करेगी और कहीं भी अगर शराब बरामद होती है तो संबंधित थानेदार को तत्काल सस्पेंड भी कर दिया जाएगा।