By अभिनय आकाश | Feb 11, 2025
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कुर्सी पर बैठते ही एक्सीक्यूटिव ऑर्डर में सबसे अहम गैरकानूनी रूप से रह रहे अप्रवासियों को बाहर निकालने वाले कदम ने देश-दुनिया में इन दिनों तहलका मचाया हुआ है। लेकिन अब ट्रंप के नक्शेकदम पर चलते हुए ब्रिटेन की लेबर सरकार भी अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर आमदा है। ब्रिटेन की लेबर सरकार ने पूरे देश में अवैध कामगारों के खिलाफ व्यापक रूप से एक्शन शुरू कर दिया है। इन कार्रवाइयों को पूरे देश में एक अटैक की तरह बताया जा रहा है। लेबर सरकार का ये एक्शन ब्रिटेन में स्थित भारतीय रेस्तरां, नेल बार, कन्विनिएंस स्टोर और कार वॉश कराने वाली जगहों तक फैल गई है, जो प्रवासी कामगारों को अपने यहां काम पर रखते हैं।
ब्रिटेन की गृह सचिव यवेटे कूपर ने कहा कि इमीग्रेशन रूल्स का सम्मान किया जाना चाहिए और उन्हें लागू किया जाना चाहिए। बहुत लंबे समय से नियोक्ता अवैध प्रवासियों को अपने कब्जे में लेने और उनका शोषण करने में सक्षम रहे हैं और बहुत से लोग अवैध रूप से आने और काम करने में सक्षम रहे हैं, लेकिन कभी भी कोई प्रवर्तन कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि यह न केवल लोगों के लिए छोटी नाव में चैनल पार करके अपनी जान जोखिम में डालने का खतरनाक आकर्षण पैदा करता है, बल्कि इसके परिणामस्वरूप कमजोर लोगों, आव्रजन प्रणाली और हमारी अर्थव्यवस्था का दुरुपयोग होता है। इसके अलावा गृह कार्यालय के आंकड़ों का दावा है कि पिछले साल 5 जुलाई से इस साल 31 जनवरी के बीच, 12 महीने पहले की समान अवधि की तुलना में अवैध वर्कर्स को लेकर कार्रवाई और गिरफ्तारियां लगभग 38 प्रतिशत बढ़ गई हैं।
उस चरण के दौरान कुल 1,090 नागरिक दंड नोटिस जारी किए गए हैं, जिसमें नियोक्ताओं को उत्तरदायी पाए जाने पर प्रति कर्मचारी 60,000 पाउंड तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। गृह कार्यालय में प्रवर्तन, अनुपालन और अपराध के निदेशक एड्डी मोंटगोमरी ने कहा कि ये आंकड़े उन लोगों पर नकेल कसने की मेरी टीमों की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं जो सोचते हैं कि वे हमारी आव्रजन प्रणाली का उल्लंघन कर सकते हैं। आप्रवासी प्रवर्तन ने कहा कि यह कर्मचारियों को श्रम शोषण की रिपोर्ट करने की अनुमति देने के लिए संगठनों के साथ मिलकर काम करने में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा भूमिका निभाता है।