By अनुराग गुप्ता | Jan 14, 2022
तमिलनाडु के कुन्नूर में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 14 सशस्त्र बलों के जवानों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई मौत की जांच वायुसेना ने पूरी कर ली है। वायुसेना ने बताया कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने अपने प्रारंभिक निष्कर्ष सौंप दिए हैं, इस हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य की मौत हो गई थी। वायुसेना ने बताया कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारणों के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज किया गया है।
वायुसेना ने जानकारी दी कि 8 दिसंबर को अप्रत्याशित ढंग से मौसम में बदलाव के कारण बादलों में प्रवेश के परिणामस्वरूप हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई, जिसकी वजह से पायलट भटक गए। आसान शब्दों में बताया जाए तो मौसम में हुए बदलावों की वजह से हादसा हुआ था।
कुछ वक्त पहले वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने साफ किया था कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी निष्पक्ष होगी और इसमें समय लगेगा। हालांकि वायुसेना ने दुर्घटना के संदर्भ में जानकारी दे दी है। आपको बता दें कि वायुसेना ने हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त के तथ्यों की जांच के लिए एक त्रि-सेवा कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन किया था।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, वायुसेना ने कहा कि 08 दिसंबर, 2021 को एमआई-17वी5 दुर्घटना में ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने अपने प्रारंभिक निष्कर्षों में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया। हादसे की वजह लापरवाही है। वायुसेना ने कहा कि दुर्घटना मौसम में अप्रत्याशित परिवर्तन के कारण हुआ था जिसके कारण पायलट का भटकाव हुआ। अपने निष्कर्षों के आधार पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कुछ सिफारिशें की हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है।