बच्चों जानना चाहोगे भारत में बने सबसे खौफनाक लड़ाकू विमान के बारे में!

By अमृता गोस्वामी | Mar 25, 2017

बच्चों, इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ के आसमान से गुजरते हुए भारत में निर्मित लड़ाकू विमान ‘तेजस’ का प्रदर्शन आपने जरूर देखा होगा। इस बार परेड में पहली बार तीन ‘तेजस’ विमान विजयी प्रतीक ‘वी’ का आकार बनाते हुए अपनी खास तेज गति का प्रदर्शन करते पल भर में हमारी आंखों से ओझल हो गए थे। आइए जानते हैं इस पहले स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान के बारे में कुछ खास बातें।

‘तेजस’ विमान की सबसे बड़ी खासियत है इसका हल्का वजन, तेज रफ्तार और दुश्मन को हर हाल में मात देने की क्षमता। यह विमान भारत में बना अब तक का सबसे खौफनाक लड़ाकू विमान है जिसे जुलाई 2016 में वायुसेना के 45वें स्क्वार्डन फ्लाइंग डैगर्स में शामिल किया जा चुका है। गौरतलब है कि 2016 में ही वायुसेना दिवस पर ‘तेजस’ ने पहली बार अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए हिंडन वायुसेना के हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी।

 

‘तेजस’ के फाइटर जेट की गति अचंभित करने वाली है। यह विमान 2200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आसमान का सीना चीरता हुआ आगे बढ़ता है। इसका कुल वजन 6540 किलोग्राम है और पूरी तरह हथियारों से लैस होने पर यह करीब 10 हजार किलोग्राम वजनी जाता है जो भारत के अन्य लड़ाकू विमानों से काफी कम वजन का है। यह एक सीट और एक जेट इंजन वाला लड़ाकू विमान है जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है। इसका जेट इंजन अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक ने बनाया गया है तथा इसके कई और भी उपकरण कई देशों से लिए गए हैं। इजराइल से खरीदी गई इसकी अत्याधुनिक एल्टा रडार तकनीक इस पर दुश्मन के रडारों की नजर नहीं पड़ने देती। यह चुपचाप दुश्मन पर हमला कर देता है।

 

‘तेजस’ विमान 50 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता रखता है। एक बार में यह 3000 किलोमीटर की दूरी तय करता है जिसमें हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है। इस विमान की एक और खासियत है कि अगर पायलट विमान पर काबू ना रख पाए तो इसमें लगे कम्प्यूटर खुद विमान को संभाल लेते हैं। इस विमान के निचले हिस्से में एक साथ 9 तरह के हथियार लोड और फायर किए जा सकते हैं जिनमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, हवा से पानी पर हमला करने वाली मिसाइल, हवा से धरती पर मार करने वाली मिसाइल, हवा से हवा में दूसरे लड़ाकू विमानों को मारने वाली लेजर गाइडेड मिसाइल, रॉकेट और बम शामिल हैं।

 

गौरतलब है कि ‘तेजस’ विमान को बनाने में तीन दशकों का समय लगा है। इस विमान ने अपनी पहली उड़ान 4 जनवरी 2001 को भरी थी और तब से अब तक इसके ढाई हजार से अधिक उड़ान परीक्षण किए जा चुके हैं। इस लड़ाकू विमान को ‘तेजस’ नाम हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था।

 

अमृता गोस्वामी

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