By अभिनय आकाश | Nov 29, 2021
चीन और जापान की दुश्मनी तो किसी से भी छुपी नहीं है। द्वितीय विश्व युद्ध से पहले चीन के अधिकांश हिस्सों पर जापान अपना अधिकार रखता था। 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के दो शहरों पर परमाणु बम गिराने के बाद जापान थोड़ा कमजोर पड़ा। फिर दबाव की राजनीति के तहत संविधान में एक नया कानून जुड़वाया गया कि जापान अब कोई सेना नहीं रखेगा। इसके साथ ही वो किसी पर हमला भी नहीं करेगा। इसके साथ ही अमेरिका ने जापान की सुरक्षा प्रदान करने की गारंटी ली। लेकिन बदलते वक्त के साथ चीन वर्तमान दौर में खुद को सुपरपॉवर मुल्क की श्रेणी में लाकर खड़ा करने की कोशिश में लगातार लगा है। चीन द्वारा जापान को लगातार आंखें दिखाने की कोशिश भी शुरू हो गई और जापान के पास अमेरिका की तरफ देखने के अलावा और अन्य कोई विकल्प नहीं रहा। चीन लगातार ताइवान पर हमले की फिराक में लगा है।
2017 में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अपने संविधान में बदलाव करते हुए कहा था कि अगर जापान के किसी भी मित्र राष्ट्र के ऊपर हमला होता है तो वो उसकी मदद करेगा। जापान के मौजूदा प्रदानमंत्री फुमियो किशिदा ने इसी क्रम में आगे बड़ते हुए अपने डिफेंस बजट को बढ़ाने की बात कही है। उन्होंने चीन और उत्तर कोरिया के खतरे पर बात करते हुए कहा कि देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत किया जाएगा। जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स कैंप असाला में 800 सैनिकों के सामने किशिदा ने कहा कि जापान के आसपास सुरक्षा स्थिति में तेजी से बदलाव हो रहा है। अपनी रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए हम दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने की क्षमता जैसे विकल्पों से इनकार नहीं कर सकते।
जापान को ये भलि-भांति ज्ञात है कि अगर विस्तारवादी चीन ने ताइवान पर कब्जा कर लिया तो उसका अगला निशाना जापान के अधिकार वाले क्षेत्र के शेनकाकू द्वीप होंगे। ताइवान पर कब्जे के बाद अमेरिका इस इलाके में कमजोर होता जाएगा और चीन मजबूत होता जाएगा। उधर उत्तर कोरिया से भी जापान का पुराना विवाद रहा है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की तरफ से हाल ही में कई आधुनिक बैल्सिटिक मिसाइलों का परीक्षण किया गया। जिसके बाद जापान भी अब दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहा है। इसलिए जापान के मौजूदा प्रधानमंत्री ने खुलेआम ऐसी चेतावनी दे डाली जिसकी उम्मीद भी नहीं की जा रही थी। जापान की तरफ से कहा गया है कि आत्मरक्षा करने के लिए हमारे पास सभी विकल्प खुले हुए हैं। सेल्फ डिफेंस फोर्स को दुश्मन के ठिकानों पर हमले के लिए मजबूत कर सकते हैं।