By नीरज कुमार दुबे | Jun 26, 2025
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले महीने ब्राज़ील में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे, यह कोई सामान्य खबर नहीं है क्योंकि 12 साल पहले पदभार संभालने के बाद से ब्रिक्स देशों की बैठक में यह जिनपिंग की पहली अनुपस्थिति होगी। जिनपिंग की जगह उनके विश्वासपात्र और चीनी प्रधानमंत्री ली क़ियांग 6-7 जुलाई को होने वाले इस सम्मेलन में भाग लेंगे। इस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की संभावना है। इस बात की अटकलें हैं कि ब्राज़ील द्वारा ब्रिक्स सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी को राज्य भोज (स्टेट डिनर) के लिए दिया गया निमंत्रण चीनी राष्ट्रपति को चुभ गया है इसलिए वह इस सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे हैं।
राजनयिक हलकों में माना जा रहा है कि शी इस आयोजन में मोदी के साथ मंच साझा करने पर "एक सहायक भूमिका" में दिख सकते थे इसलिए भी उन्होंने यहां आने से परहेज किया। चीन वर्तमान में भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों और सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री मोदी को अतिरिक्त सम्मान दिए जाने को राजनयिक संतुलन में असमानता के रूप में देख रहा है। हम आपको बता दें कि ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान आमतौर पर सदस्य देशों के प्रमुख नेताओं के बीच समान स्तर पर संवाद होता है, लेकिन किसी एक नेता को प्रमुखता देना अन्य सदस्य देशों को असहज कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना भारत-चीन संबंधों में चल रहे तनाव को भी एक बार फिर उजागर करती है। हालाँकि भारत और चीन ने अतीत में कई बहुपक्षीय मंचों पर साथ काम किया है, लेकिन गलवान संघर्ष और व्यापारिक प्रतिस्पर्धा जैसे मुद्दों के कारण आपसी विश्वास में कमी आई है। हालाँकि, चीन ने ब्राज़ील को यह बताया है कि राष्ट्रपति शी "अन्य कार्यक्रमों की व्यस्तता" के कारण शिखर सम्मेलन में नहीं आ सकेंगे।
उधर, पहले माना जा रहा था कि इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति की द्विपक्षीय मुलाकात हो सकती है लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों नेताओं के बीच अगली संभावित मुलाकात चीन में होने वाले एससीओ सम्मेलन में हो सकती है, बशर्ते पीएम मोदी उसमें भाग लें। हम आपको बता दें कि इस समय चीन का ध्यान अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में आयोजित किए जाने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन पर केंद्रित है, जिसकी मेज़बानी चीन स्वयं करेगा। हम आपको बता दें कि ब्रिक्स (BRICS) में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। हाल ही में इस समूह का विस्तार करते हुए मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को भी सदस्य बनाया गया है।
हम आपको यह भी बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे। मॉस्को में क्रेमलिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने घोषणा की, ‘‘रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ब्राजील में आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूस का प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वीडियो लिंक के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।’’ हम आपको बता दें कि ब्रिक्स के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में ब्राज़ील 6-7 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में उसके नियमित 17वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। ब्रिक्स में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इस समूह का विस्तार पांच अतिरिक्त सदस्य देशों मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ किया गया है।
हम आपको यह भी बता दें कि यूक्रेन के अनुरोध पर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत (आईसीसी) द्वारा पुतिन के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट के कारण पुतिन वर्ष 2023 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे। दक्षिण अफ्रीका की तरह ब्राजील भी आईसीसी का हस्ताक्षरकर्ता है और इसके आदेशों पर काम करने के लिए बाध्य है।