By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 03, 2022
खड़गे का यह भी कहना था कि उन्हें और थरूर को महंगाई तथा बेरोजगारी जैसे मुद्दों के साथ ही भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा के खिलाफ मिलकर काम करना है। चुनाव प्रचार के लिए हैदराबाद पहुंचे थरूर ने कहा कि वह खड़गे का बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि हमें नयी तरह की और नयी कल्पना वाली कांग्रेस की जरूरत है ताकि भाजपा का मुकाबला किया जा सके। इसलिए मैंने इस चुनाव में अपनी उम्मीदवारी को आगे बढ़ाया है।’’ थरूर का कहना था, ‘‘हम चाहते हैं कि हमारे देश में कांग्रेस एक बार फिर जीते। जहां तक मेरा सवाल है तो इस चुनाव में सिर्फ इसी बात को लेकर अंतर है कि हम कांग्रेस पार्टी के सामने मौजूद चुनौतियों से कैसे निपटते हैं ताकि भाजपा और उसकी मजबूत चुनावी मशीनरी से पार पा सकें।’’ उनके अनुसार, इस चुनावी मुकाबले में उनके और खड़गे के बीच कोई कलह नहीं है। उन्होंने कहा कि खड़गे के पास व्यापक अनुभव, योग्यता और ज्ञान है। थरूर ने यह भी कहा, ‘‘मेरा रवैया अलग है और मैं इसे मतदाताओं के समक्ष रख रहा हूं। हम सब एकजुट हैं।’’
उनके मुताबिक, दोनों उम्मीदवारों में से कोई भी जीते, लेकिन यह कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत होगी तथा वह अपना नामांकन वापस नहीं लेंगे। थरूर का कहना था कि उनके प्रचार में लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है तथा आगे वह मुंबई, चेन्नई और देश के कई अन्य हिस्सों में जाएंगे। उन्होंने बुधवार को सभी डेलीगेट का फोन नंबर मिल जाएगा तो वह उनसे संपर्क करेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने हैदराबाद में उनसे मुलाकात की। थरूर ने सोमवार को यह भी कहा कि उन्होंने पिछले महीने ही पार्टी से संबद्ध संगठन ‘अखिल भारतीय प्रोफेशनल्स कांग्रेस’ के प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया है। माना जा रहा है कि पार्टी में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के सिद्धांत के तहत उन्होंने यह जिम्मेदारी छोड़ी है। खड़गे और थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार हैं। यदि पार्टी के इन दोनों नेताओं में से कोई भी अपना नामांकन वापस नहीं लेता है, तो 17 अक्टूबर को मतदान होगा, जिसमें 9,000 से अधिक डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्य) मतदान करेंगे। मतगणना 19 अक्टूबर को होगी। वैसे थरूर ने स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव लड़ेंगे।