By अनुराग गुप्ता | Jun 29, 2020
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक ज्यादातर खुदरा विक्रेताओं ने मॉल में मौजूद अपने स्टोर खोल लिए हैं। शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में कोविड-19 से पहले की तुलना में अब सिर्फ 15-20 फीसदी ही ग्राहकों की संख्या देखी जा सकती है। इतना ही नहीं मॉल मालिकों ने भी अनुमान जताया है कि यह स्थिति त्योहारों से पहले सुधरने वाली नहीं है। डीएलएफ मॉल के कार्यकारी निदेशक पुष्पा बेक्टर ने कहा कि एनसीआर में डीएलएफ के मॉलों में जहां आम दिनों में रोजाना 30 हजार के आस-पास ग्राहकों की संख्या देखी जाती थी वह घटकर अब 6 हजार हो गई है।
प्रतिबंध का लोगों पर पड़ा असर
देशभर के मॉल के अधिकारियों का कहना है कि समय को कम किया जाना, गेम और मूवी को प्रतिबंधित करने के चलते भी ग्राहकों और बिक्री में कमी आई है। इतना ही नहीं ग्राहक घरों से निकलने में घबराते हैं।
कोरोना काल में नहीं निकल रहे लोग
कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच अब लोगों ने अपने घरों से निकलना कम कर दिया है। बाजारों में अब पहले के जैसे रौनक तो नहीं है मगर बाजार, मॉल्स और रेस्तरां कम भीड़-भाड़ के साथ खोले जा चुके हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहां कोरोना वायरस से 83,077 व्यक्ति संक्रमित हुए हैं। वहीं 2,623 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में लोगों ने पहले की तुलना में घरों से निकलना कम कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्यूचर रिटेल के एमडी राकेश बियानी ने कहा कि सुरक्षा मानकों का इस्तेमाल किए जाने के बावजूद ग्राहकों की संख्या को कमतर आका गया है। हालांकि कोरोना के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं ऐसे में ग्राहकों के भीतर डर बैठ गया है। सिर्फ ऐसे भी ग्राहक बाहर निकल रहे हैं जिन्हें खरीदारी की तत्काल आवश्यकता है।
नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनुराग कटियार ने कहा कि स्ट्रीट और मॉल्स में मौजूद रेस्तरां में काफी ज्यादा फुटफॉल देखा गया है। ग्राहक खाने से ज्यादा पैक कराना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त शराब की बिक्री में कमी भी एक कारक है। पहले के मुकाबले अब सेल काफी ज्यादा गिर गई है और यह निराशाजनक है।