लॉकडाउन: जल्द नहीं हुआ राहत पैकेज का ऐलान तो बंद हो सकते हैं 40 फीसदी रेस्तरां !

indian restaurant

नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने अनुमान जताया कि लॉकडाउन से पहले रेस्तरां इंडस्ट्री का टर्नओवर 4 लाख करोड़ से भी अधिक का था और अगर 10 में से 4 रेस्तरां/क्लाउड किचन बंद होते हैं तो काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है।

नयी दिल्ली। लॉकडाउन के चलते कई सारी इंडस्ट्री को काफी नुकसान हो रहा है। कुछ इंडस्ट्रियों का हाल तो बहुत बुरा है। ठीक ऐसी ही रेस्तरां इंडस्ट्री है। अगर ऐसे में सरकार ने इस इंडस्ट्री के लिए राहत पैकेज का ऐलान नहीं किया तो 10 में से 4 रेस्तरां/क्लाउड किचन हमेशा के लिए बंद हो सकते हैं। जिसका असर अर्थव्यवस्था पर दिखाई देगा।

4 लाख करोड़ से ज्यादा का था टर्नओवर

नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने अनुमान जताया कि लॉकडाउन से पहले रेस्तरां इंडस्ट्री का टर्नओवर 4 लाख करोड़ से भी अधिक का था और अगर 10 में से 4 रेस्तरां/क्लाउड किचन बंद होते हैं तो काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है। इतना ही नहीं इस इंडस्ट्री ने 70 लाख से अधिक लोगों को रोजगार भी दिया है। 

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रेस्तरां एसोसिएशन के महासचिव सुकेश शेट्टी ने हाल ही में बताया था कि लॉकडाउन के बाद होटल और रेस्तरां की 15 फीसदी से ज्यादा नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं क्योंकि इस क्षेत्र की डिमांड लंबे समय तक के लिए खत्म हो गई है। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा था कि लॉकडाउन के बाद सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए लोग कई महीनों तक बाहर निकलने और रेस्तरां में जाकर खाना खाने से कतराएंगे।

बता दें कि फूड डिलिवरी बिजनेस में भी करीब 70 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान जताया जा रहा है। एनआरएआई के मुताबिक डाइन-आउट बिजनेस की रिकवरी में भी लंबा वक्त लग सकता है जिससे स्थिति और गंभीर हो जाएगी। 

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रेस्तरां बिजनेस होगा कम

विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन के बाद इस इंडस्ट्री को काफी मार झेलनी पड़ सकती है क्योंकि लोगों के खर्च करने लायक आय में कमी हो चुकी होगी। जिसके चलते वह खर्च करने से बचेंगे। वहीं, दूसरी ओर लॉकडाउन के बाद भी बहुत सारे लोग सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए घरों से कम ही बाहर निकलेंगे और तो और रेस्तरां में जाकर खाना खाने से भी बचेंगे। जिसका सीधा असर रेस्तरां इंडस्ट्री पर पड़ता हुआ दिखाई देगा।

खरीदार की तलाश में जुटी कम्पनियां

लॉकडाउन के चलते कम्पनियों का बुरा हाल है। ऐसे में क्लाउड किचन भी कई सारी कम्पनियां अपने लिए खरीदार तलाशना शुरू कर चुकी हैं। ईट फिट के फाउंडर मुकेश बंसल ने तो चंडीगढ़, जयपुर, अहमदाबाद जैसे शहरों में मौजूद अपनी कम से कम 18 फसिलिटीज को बेचने का निर्णय कर लिया है। क्योंकि उन्हें लगता है कि आने वाले समय में बिक्री में काफी कमी आएगी। आपको बता दें कि क्लाउड किचन उन्हें कहा जाया है जो सिर्फ और सिर्फ ऑनलाइन ऑर्डर के जरिए अपना बिजनेस चलाते हैं। इतना ही नहीं स्विगी भी अपने कुछ निजी किचन बंद करने जा रही है।

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