सीआरपीएफ जवान का आरोप, पुलिसकर्मियों ने उन पर किया हमला

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 18, 2019

पुणे। सीआरपीएफ के 28 वर्षीय एक जवान ने आरोप लगाया है कि यहां बारामती तालुका में रविवार को पुलिस कर्मियों ने बगैर उकसावे के उन पर ‘हमला’ किया और ‘उन्हें हथकड़ी’ लगा दी। हालांकि, पुलिस ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है। सीआरपीएफ के जवान के मुताबिक वह पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए बल के 40 कर्मियों के लिए एक शोक सभा में पुलिसकर्मियों को आमंत्रित करने वहां गए थे। बहरहाल, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जवान अशोक इंगवाले के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

गौरतलब है कि इंगवाले सोनगांव के रहने वाले हैं और फिलहाल छुट्टी पर हैं। उन्होंने जम्मू कश्मीर में अपनी तैनाती का दावा किया है। पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि इंगवाले ने ही पुलिस कर्मियों से झगड़ा किया। यह घटना पुणे के बारामती ग्रामीण थाने की है। इंगवाले ने कहा कि वह अपने गांव के एक छोटे मंडल (सामुदायिक समूह) का सदस्य है। शिव जयंती कार्यक्रम के दौरान आगामी मंगलवार को सीआरपीएफ के शहीद कर्मियों के लिए एक शोक सभा का आयोजन करने का निर्णय किया गया था।

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उन्होंने कहा, ‘रविवार दोपहर, मैं अपने रिश्ते के एक भाई, जो हाल में सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं और एक अन्य युवक के साथ 19 फरवरी के कार्यक्रम के लिए बारामती थाने के वरिष्ठ अधिकारियों को आमंत्रित करने के लिए गया।’ उन्होंने कहा कि कुछ कर्मियों ने हमें रोका और उन्होंने धमकाने वाली तथा अहंकारपूर्ण भाषा में बात की। इंगवाले वर्दी में दो अन्य लोगों के साथ दो पहिया वाहन पर थाना गए थे। उन्होंने दावा कि कि उन्होंने अपना पहचान पत्र पुलिस कर्मियों को दिखाया और एक मोटरसाइकिल पर तीन लोगों के सवार होने के चलते जुर्माना भरने की भी पेशकश की, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उनकी नहीं सुनी।

उन्होंने बताया कि उन्होंने (पुलिसकर्मियों) ने आरोप लगाया कि मैं शराब पीया हुआ हूं। इसके बाद पुलिसकर्मी मुझे एक कमरे में ले गए, जहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था। वहां 10-15 पुलिस कर्मियों ने मुझे पीटा। मेरी वर्दी फाड़ दी गई और मुझे हथकड़ी लगा दी गई। सीआरपीएफ कर्मी ने अपशब्द कहे जाने का भी आरोप लगाया। हालांकि, इंगवाले ने इस बात से इनकार किया कि वह शराब पीए हुए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने बारामती थाने में पुलिस की ‘ज्यादती’ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप पाखले ने इंगवाले के आरोपों से इनकार किया।

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उन्होंने कहा कि इंगवाले ट्रिपल राइडिंग कर रहे थे, जब थाने में पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोका तो उन्होंने ही धमकाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया। पाखले ने कहा, ‘जब उन्हें थाने के अंदर लाया गया तो वह पुलिस कर्मियों से उलझ गए और कर्मियों को चोट पहुंचाई।’ उन्होंने दावा किया कि इंगवाले यह दिखाने के लिए खुद लॉकअप में चले गए कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। बहरहाल, पाखले ने कहा कि जब उन्हें एहसास हुआ कि इस हंगामे से उनकी नौकरी जा सकती है तब उन्होंने पुलिस कर्मियों पर उनपर हमला करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि  हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है जिसमें दिख रहा है कि वह खुद ही अपने कपड़े फाड़ रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने इंगवाले से यह भी पूछा है कि जब वह छुट्टी पर थे तो उन्होंने वर्दी क्यों पहनी हुई थी।

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