MP के अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के कर्ज होंगे माफ: कमलनाथ

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 09, 2019

छिंदवाड़ा। नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव के बाद किसानों का फसल ऋण माफ करने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को आदिवासियों के लिये बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों द्वारा साहूकारों से लिए गए सभी कर्ज माफ हो जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आदिवासियों को विश्वास दिलाया कि कर्ज के एवज में यदि उनके जेवर, जमीन गिरवी रखे हैं तो वे भी वापस होगें। राज्य सरकार की इस योजना से डेढ़ करोड़ आदिवासियों को फायदा होगा। कमलनाथ ने अतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर यहां आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में कहा कि प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों द्वारा साहूकारों से लिए गए सभी कर्ज माफ हो जाएंगे। इससे मध्यप्रदेश के डेढ़ करोड़ आदिवासियों को लाभ मिलेगा। इसके लिए सरकार ने सभी औपचारिक व्यवस्थाएं कर ली है। राज्य के सभी 89 अनुसूचित क्षेत्रों में यह कर्ज 15 अगस्त तक माफ होना शुरू हो जाएंगे।

इसे भी पढ़ें: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार आदिवासियों की हितैषी सिर्फ विज्ञापनों तक

उन्होंने साहूकारों से लिए कर्ज माफ करने के संबंध में कहा कि किसी आदिवासी ने कर्ज लेने के लिए अपने जेवर, जमीन गिरवी रखी है तो वे भी उन्हें वापिस होंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भविष्य में कोई साहूकार अनुसूचित क्षेत्र में साहूकारी करेगा तो उसे लाइसेंस लेकर नियमानुसार धंधा करना होगा। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर बगैर लाइसेंस के किसी ने अनुसूचित क्षेत्रों में साहूकारी का धंधा किया तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और इसे गैरकानूनी माना जायेगा और उनसे लिया गया यह कर्ज आदिवासी नहीं चुकाएंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के 89 अनुसूचित क्षेत्र विकासखंडों के आदिवासियों को साहूकारों से मुक्त कराने के लिए सरकार उन्हें रुपे, डेबिट कार्ड देगी। इसके जरिए वे जरूरत पड़ने पर 10,000 रुपये तक एटीएम से निकाल सकेंगे। उन्होंने बताया कि हर हाट बाजार में एटीएम खोले जायेंगे।

इसे भी पढ़ें: अनुच्छेद 370 पर बोले कमलनाथ, समय बताएगा सरकार का कदम कितना कारगर रहा

इस अवसर पर कमलनाथ ने वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आदिवासी वर्ग की मांग पर अनुसूचित जनजाति विभाग का नाम बदलकर आदिवासी विकास विभाग किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के जिन भी आदिवासियों के वनाधिकार के प्रकरण खारिज हुए हैं, उनका पुनरीक्षण किया जायेगा और पात्र होने पर उन्हें वनाधिकार पट्टा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां भी वनाधिकार प्रकरण संबंधी आवेदन लं‍बित हैं उनका अभियान चलाकर निराकरण किया जायेगा। आदिवासी समाज में जन्म और मृत्यु के समय होने वाले रीतिरिवाजों का सम्मान करते हुए कमलनाथ ने  मुख्यमंत्री मदद योजना  का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी परिवार में अगर बच्चा या बच्ची का जन्म होता है तो उस परिवार को 50 किलो चावल अथवा गेहूँ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह अगर किसी आदिवासी परिवार में मृत्यु होती है तो उस परिवार को एक क्विंटल चावल अथवा गेहूँ दिया जाएगा। इस मौके पर खाना बनाने के लिए उन्हें बड़े बर्तन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।

प्रमुख खबरें

RCB vs GT IPL 2024: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने गुजरात टाइटंस को 4 विकेट से हराया, प्लेऑफ की उम्मीदें बरकरार

Porn Star से जुड़े मामले में Trump की पूर्व करीबी सलाहकार होप हिक्स बनीं गवाह

कनाडाई पुलिस ने Nijjar की हत्या के तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया: मीडिया की खबर

लगातार कम स्कोर वाली पारियों के दौरान सही लोगों के बीच में रहने की कोशिश कर रहा था: Jaiswal