By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 20, 2021
नयी दिल्ली। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार 24 सितंबर से पूसा बायो-डीकंपोजर तैयार करना शुरू करेगी और यह पांच अक्टूबर तक धान के खेतों में इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाएगा। बायो-डीकंपोजर एक घोल है जो पराली को खाद बना सकता है। राय ने यह भी कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने राजधानी के आसपास के राज्यों में पूसा बायो-डीकंपोजर के उपयोग और प्रदूषण से संबंधित अन्य मुद्दों पर मुलाकात के लिए उन्हें अब तक समय नहीं दिया है। राय ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम 24 सितंबर से पूसा बायो डीकंपोजर तैयार करना शुरू करेंगे और यह पांच अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा।
हमने इस साल प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है ताकि किसानों को अगली फसल के लिए अपने खेतों को तैयार करने के वास्ते अधिक समय मिल सके।” उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खड़खड़ी नहर में तैयारियां शुरू करेंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) और कृषि विभाग के वैज्ञानिकों की एक टीम इस प्रक्रिया की निगरानी करेगी। राय के मुताबिक, पिछले साल के विपरीत, इस बार घोल का उपयोग बासमती चावल के खेतों में भी फसल के ठूंठ को खाद में तब्दील करने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा, “किसानों ने हमें बताया कि धान की फसल काटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कंबाइन हार्वेस्टर से बड़ी मात्रा में ठूंठ रह जाता है।
इसलिए इस बार जहां भी जरूरत होगी घोल का छिड़काव किया जाएगा।” इस घोल का इस्तेमाल कम से कम 4,000 एकड़ में किया जाएगा, जिस पर सरकार को 50 लाख रुपये खर्च आएगा। मंत्री ने कहा, “हमने उन किसानों का पंजीकरण करने के लिए 25 सदस्यीय टीम का गठन किया है जो अपने खेतों में घोल का छिड़काव करना चाहते हैं।” दिल्लीसरकार ने हाल ही में केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को बायो-डीकंपोजर पर एक ऑडिट रिपोर्ट सौंपी है और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से दिल्ली के आसपास के राज्यों में इसके उपयोग और प्रदूषण से संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मुलाकात का समय मांगा है। राय ने कहा, “हमने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन हमें अब तक समय नहीं मिला है। अगर (केंद्र) सरकार ने त्वरित कार्रवाई नहीं की तो अन्य राज्यों में पूसा बायोडीकंपोजर के उपयोग की तैयारी समय पर पूरा करना बहुत मुश्किल होगा।