By अंकित सिंह | Dec 02, 2021
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। आज वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हुई। सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार को जबरदस्त फटकार मिली। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि इतनी भयंकर स्थिति के बावजूद भी दिल्ली में स्कूल क्यों खुले हैं? कोर्ट से मिली फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मौजूदा वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए दिल्ली के सभी स्कूल कल से अगले आदेश तक बंद रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार
‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ मुहिम को लेकर दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई और कहा कि यह लोकलुभावन नारा होने के अलावा और कुछ नहीं है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की विशेष पीठ ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने पिछली सुनवाई में घर से काम करने, लॉकडाउन लागू करने और स्कूल एवं कॉलेज बंद करने जैसे कदम उठाने के आश्वासन दिए थे, लेकिन इसके बावजूद बच्चे स्कूल जा रहे हैं और वयस्क घर से काम कर रहे हैं। पीठ ने कहा कि बेचारे युवक बैनर पकड़े सड़क के बीच खड़े होते हैं, उनके स्वास्थ्य का ध्यान कौन रख रहा है? हमें फिर से कहना होगा कि यह लोकलुभावन नारे के अलावा और क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र और केजरीवाल सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। अदालत ने सरकार द्वारा पिछले कुछ सप्ताहों में किए गए उपायों पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि हमें लगता है कि कुछ नहीं हो रहा है और प्रदूषण बढ़ता जा रहा है... केवल समय बर्बाद हो रहा है। दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं। इस पर पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘यह प्रदूषण का एक और कारण है, रोजाना इतने हलफनामे।’’