By अंकित सिंह | Jun 12, 2021
तकनीक और इंटरनेट के जमाने में ऑनलाइन न्यूज़ कमाई का अच्छा जरिया बनता जा रहा है। इन्हीं सबके बीच नियामक और राजनीतिक दबाव को ध्यान में रखते हुए फेसबुक और गूगल ने विश्व स्तर पर समाचार आउटलेट को सहयोग देने की बात करते हुए संयुक्त रूप से 600 मिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता जताई थी। इसे डिजिटल युग के लिए क्रांतिकारी कदम माना जा रहा था। यह भी कहा जा रहा था कि इससे डिजिटल क्षेत्र में नए लोग जुड़ेंगे।
तकनीक की इन दोनों दिग्गज कंपनियों के घोषणा के अनुसार अब तक हजारों मीडिया आउटलेट्स को फैक्ट चेकिंग और रिपोर्टिंग से लेकर ट्रेनिंग तक की हर चीज के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इनके अनुसार कुछ प्रशासकों ने इनका आभार भी जताया है। लेकिन साथ ही साथ यह भी कहा जा रहा है कि तकनीक के इन बड़ी कंपनियों के इस घोषणा के बाद से समाचार आउटलेट्स के कारोबार पर फर्क पड़ा है और विज्ञापन राजस्व में गिरावट आई है।
दूसरी ओर कई मीडिया विश्लेषकों और समाचार व्यवसाय के अधिकारियों ने यह भी दावा किया की गूगल और फेसबुक ने जिस फंडिंग को निर्धारित किया है उससे प्रशासकों के विज्ञापन राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो पा रही है। उनका यह भी दावा है कि तकनीकी कंपनियों ने डिजिटल विज्ञापन व्यापार पर कब्जा कर लिया है। एक मार्केट रिसर्च कंपनी eMarketer के अनुसार, 2020 में Google और Facebook ने अमेरिकी डिजिटल विज्ञापन राजस्व का 54% मार्किट कैप्चर किया हुआ है।
कुछ प्रकाशकों का यह भी आरोप है कि तकनीक की इन दोनों कंपनियों के ऐलान के अनुसार किसको कितनी फंडिंग की गई और कब की गई, इसके बारे में कुछ भी साफ नहीं है। यही कारण है कि अब कुछ प्रकाशक इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कर रहे हैं। उन प्रकाशकों का यह भी कहना है कि हमें ग्रांट देने की बजाय पहले जैसी स्थिति को बहाल कर दिया जाए। हम उससे ही अपने नुकसान की भरपाई कर लेंगे।
इसके साथ ही गूगल ने मंगलवार को भारत में 30 समाचार संगठनों के साथ अपने न्यूज शोकेस की पेशकश की, जिसका मकसद गूगल के समाचार और खोज मंचों पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री प्रदर्शित करने के लिए प्रकाशकों को प्रोत्साहित करना और समर्थन देना है। इसके साथ ही गूगल भारत में अगले तीन वर्षों के दौरान समाचार संगठनों और पत्रकारिता विद्यालयों के 50,000 पत्रकारों और पत्रकारिता के छात्रों को डिजिटल हुनर सिखाएगा। गूगल के उपाध्यक्ष (उत्पाद प्रबंधन) ब्रैड बेंडर ने कहा, ‘‘हम अब प्रकाशकों की मदद के लिए न्यूज शोकेस पेश कर रहे हैं, ताकि लोगों को भरोसेमंद खबर मिल सके, विशेष रूप से इस महत्वपूर्ण समय में जब कोविड संकट जारी है। समाचार शोकेस दल प्रकाशकों की पसंद के अनुसार लेखों को बढ़ावा देता है, और उन्हें खबर के साथ अतिरिक्त संदर्भ देने की अनुमति भी देता है, ताकी पाठकों में इस बात की बेहतर समझ बन सके कि उनके आसपास क्या हो रहा है।’’