By नयी दिल्ली से PNN की रिपोर्ट। | Oct 05, 2018
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि यह पहल ‘भविष्योन्मुखी’ है और इसे जल्द शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह किसी की ‘निजता’ हनन से नहीं जुड़ा है। ‘डिजि यात्रा’ पूर्णतया यात्रियों के लिए वैकल्पिक सुविधा है। मंत्रालय के अनुसार डिजि यात्रा प्लेटफॉर्म फरवरी 2019 के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। बेंगलुरू और हैदराबाद हवाई अड्डे तब तक इसे पायलट आधार पर चलाने के लिए तैयार हो जाएंगे। चेहरा पहचानने की सुविधा डिजिटल बायोमीट्रिक प्रणाली पर आधारित होगी। इससे यात्री को हवाई अड्डों पर प्रवेश एवं अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में आसानी होगी। मंत्रालय के अनुसार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) अगले साल अप्रैल तक इस सुविधा को कोलकाता, वाराणसी, पुणे और विजयवाड़ा हवाई अड्डे पर शुरू करने की योजना बना रहा है।
विशेष पहचान आखिर बनेगी कैसे ?
डिजि यात्रा के तहत यात्रियों के लिए एक केंद्रीयकृत पंजीकरण प्रणाली स्थापित कर सभी को एक विशेष पहचान दी जाएगी। यात्रियों को यह विशेष पहचान टिकट बुक कराते वक्त साझा करनी होगी। इस विशेष पहचान नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और किसी भी पहचान पत्र की जानकारियों को साझा कर तैयार की जा सकेगी। इसके लिए यात्री आधार संख्या का भी उपयोग कर सकेंगे। यात्रा से पहले विमानन कंपनियों को यात्रियों के आंकड़े संबंधित हवाई अड्डे से साझा करने होंगे जहां से यात्री उड़ान भरने वाला है।
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सत्यापन कैसे होगा ?
इसके बाद इस विशेष पहचान के माध्यम से पहली बार यात्रा करने पर एक बार सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के सफल रहने के बाद चेहरा पहचानने का बायोमीट्रिक आंकड़ा डिजि यात्रा आईडी के साथ जुड़ जाएगा और बाद की यात्राओं के लिए यह बाधा रहित सुविधा यात्रियों को मिल जाएगी। इस सुविधा के लिए पंजीकृत यात्री हवाई अड्डों पर सीधे ई-गेट पर जा सकेगा जहां उसके टिकट के बार कोड या क्यूआर कोड को स्कैन किया जाएगा। इसके बाद प्रणाली के माध्यम से एक टोकन जारी होगा जिस पर यात्री के टिकट की पीएनआर जानकारी के साथ चेहरा भी होगा। बाद में आगे के चेक पॉइंट पर टिकट से संबंधित सभी जानकारियां चेहरा पहचानने की सुविधा से लैस हो जाएंगी।
ई-गेट होंगे नये सुरक्षा जाँच द्वार
भविष्य में ये ई-गेट ‘सुरक्षा जांच गेटों पर सभी तरह के मानवीय काम को खत्म कर देंगे। केवल शारीरिक जांच की व्यवस्था बनी रहेगी। खास बात यह है कि यात्रियों को इस सुविधा के लिए कोई भुगतान नहीं करना होगा। मंत्रालय की योजना डिजि यात्रा को चरणबद्ध तरीके से सभी हवाई अड्डों पर शुरू करने की है। इसके लिए एएआई और निजी हवाई अड्डा परिचालक कंपनियों को मिलाकर एक संयुक्त गैर-लाभकारी कंपनी स्थापित की जाएगी। डिजि यात्रा सुविधा को यही कंपनी लागू करेगी।
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डिजि यात्रा के साथ डाटा निजता सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों की किसी भी तरह की प्रोफाइलिंग नहीं की जाएगी। यात्री के यात्रा समाप्त करने के बाद संबंधित डाटा को प्रणाली से हटा दिया जाएगा। डिजि यात्रा को वैधता प्रदान करने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय एक विशेष नियमावली लागू करेगा। इसका मसौदा सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया जा चुका है। सरकार का मानना है कि इस सुविधा से समय और धन की बचत होगी साथ ही हवाई अड्डों पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती कम करनी पड़ेगी।