By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 22, 2020
पत्र में ओब्रायन ने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया। हमें लगता है कि संसद का डिजिटल सत्र आयोजित करना पूरी तरह अव्यावहारिक होगा। बहरहाल, हम आपसे आग्रह करते हैं कि संसदीय समितियों की डिजिटल बैठक कराई जाए।’’ तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य का कहना था कि नियमों के मुताबिक इन समितियों के कामकाज की प्रक्रिया के संदर्भ में पीठासीन अधिकारियों का निर्णय अंतिम होता है। उन्होंने कहा कि जो मामले नियमों के तहत स्पष्ट नहीं हो रहे, उनमें राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष क्रमश: नियम 266 और नियम 389 का संदर्भ ले सकते हैं।