By अनुराग गुप्ता | Nov 18, 2020
नयी दिल्ली। भारत ने मंगलवार को चीनी प्रोफेसर के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि चीन की पीएलए ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना के कब्जे वाली दो चोटियां खाली कराने के लिए माइक्रोवेव हथियारों का इस्तेमाल किया था। भारतीय सेना ने ट्वीट कर इस दावे को निराधार बताया है।
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क्या होते हैं माइक्रोवेव हथियार ?
युद्ध स्तर पर माइक्रोवेव हथियारों का इस्तेमाल कम ही देखा गया है। इसका उपयोग चेतावनी देने के लिए किया जाता है। एक अधिकारी ने बताया कि यदि दुश्मनों पर माइक्रोवेव हथियार से हमला किया जाए तो उन्हें आंखों की समस्या, शरीर में हल्के घाव और अंदरूनी चोटें लग सकती हैं। फिलहाल भारत, चीन, रूस, ब्रिटेन इस हथियार को विकसित करने में जुटे हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माइक्रोवेव इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण का एक स्वरूप होता है। हथियार के तौर पर इस्तेमाल होने पर माइक्रोवेव शरीर के टिश्यू का तापमान बढ़ा सकते हैं, जो सिर के भीतर शॉकवेव पैदा कर सकता है। जिसकी वजह से कई तरह की समस्या हो सकती है। हालांकि, इस हथियार का इस्तेमाल करने पर मौत का खतरा नहीं होता है। फिलहाल माइक्रोवेव हथियार को लेकर कई देश शोध अध्ययन कर रहे हैं और हथियार को विकसित करने में जुटे हुए हैं।
अमेरिका के पास है माइक्रोवेव हथियार
अमेरिका के पास माइक्रोवेव हथियारों में एक्टिव डिनाइल सिस्टम है। जिसे अमेरिकी वायुसेना ने बनाया है। इसका इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों को तितरबितर करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा एक्टिव डिनाइल सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी तबाह करने की क्षमता रखता है। जानकारों ने बताया कि माइक्रोवेव हथियारों का इस्तेमाल कई तरह की मिसाइल को रोकने के लिए किया जाता है।