By दिव्यांशी भदौरिया | Sep 27, 2025
नवरात्रि का त्योहार मां दुर्गा को समर्पित है। शारदीय नवरात्रि का पर्व भक्ति और पूजा-अर्चना के साथ मनाया जा रहा है। इस बार महाअष्टमी की तिथि मंगलवार 30 सितंबर को मनाई जा रही है। इस दिन मां दुर्गा की भक्ति भाव से साधक पूजा करते हैं। ज्योतिषियो के मुताबिक, शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर शोभन योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में देवी मां गौरी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल मिलेगा। आइए आपको शुभ मुहूर्त और इस योग के बारे में बताते हैं।
महाअष्टमी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 29 सितंबर को शाम 04 बजकर 32 मिनट पर आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 30 सितंबर को शाम 06 बजकर 06 मिनट पर होगा। महा अष्टमी का व्रत 30 सितंबर को रखा जाएगा। 30 सितंबर को संधि पूजा संध्याकाल में 05 बजकर 42 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 30 मिनट तक है।
महाअष्टमी शुभ योग
इस बार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषी के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शोभन योग समेत कई शुभ संयोग बन रहे हैं। शोभन योग का संयोग देर रात 01 बजकर 03 मिनट तक है। इसके साथ ही शाम को 06 बजकर 06 मिनट पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में देवी दुर्गा की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 10 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 05 मिनट पर
- चंद्रोदय- दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से...
- चन्द्रास्त- रात 11 बजकर 51 मिनट तक
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 54 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 05 मिनट से 06 बजकर 29 मिनट तक
- मुहूर्त - रात 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक