ED ने कहा- जांच में सहयोग नहीं कर रहे पार्थ चटर्जी, शुभेंदु अधिकारी बोले- सारा पैसा TMC और ममता बनर्जी का

By अंकित सिंह | Aug 03, 2022

पश्चिम बंगाल सरकार में पूर्व मंत्री रहे पार्थ चटर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पार्थ चटर्जी फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में है और उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। आज एक बार फिर से पार्थ चटर्जी को पश्चिम बंगाल शिक्षा भर्ती घोटाले में कोर्ट में पेश किया गया। ईडी ने पार्थ चटर्जी के लिए 4 दिनों की हिरासत मांगी है। वहीं, पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी से पूछताछ के लिए 3 दिनों की हिरासत मांगी गई है। आपको बता दें कि अर्पिता मुखर्जी के ही आवास से भारी मात्रा में कैश और बेशकीमती जेवर बरामद हुए थे। 

 

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SSC भर्ती घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को 5 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजा है। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एस वी राजू ने कोर्ट को बताया कि पार्थ चटर्जी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। हालांकि, अर्पिता मुखर्जी का रवैया अपेक्षाकृत सहयोगपरक है। पूर्व मंत्री के वकील ने अपने मुवक्किल के लिए जमानत का अनुरोध किया जबकि मुखर्जी के वकील ने कहा कि उनकी मुवक्किल के लिए अब और ईडी हिरासत की जरूरत ही नहीं है। इससे पहले, पार्थ चटर्जी पर मंगलवार को कोलकाता के अम्ताला इलाके में एक महिला ने जूता फेंका। यह घटना उस समय हुई, जब प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) के अधिकारी उन्हें अपनी सुरक्षा में अस्पताल से बाहर लेकर आ रहे थे। हालांकि, जूता चटर्जी को नहीं लगा।

 

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शुभेंदु अधिकारी का आरोप

दूसरी ओर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर इस मामले को लेकर जबरदस्त निशाना साधा है। शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि ये सारा पैसा TMC और ममता बनर्जी का है। पार्थ चटर्जी संरक्षक थे। इसलिए इसकी सरगना ममता बनर्जी है, उनको गद्दी छोड़नी चाहिए और उनके पूरे रैकेट को हिरासत में लेना चाहिए। इससे पहले पार्थ चटर्जी ने रविवार को दावा किया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के दौरान बरामद रुपये उनके नहीं हैं, और समय बताएगा कि उनके खिलाफ ‘‘साजिश’’ में कौन लोग शामिल हैं। कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले चटर्जी ने उन्हें मंत्री पद से हटाने के कदम के बारे में कहा, ‘उनका (ममता का) फैसला सही है।’

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