किसानों की तरह कश्मीरियों को बलिदान देना होगा तभी 370 वापस आयेगाः अब्दुल्ला

By नीरज कुमार दुबे | Dec 06, 2021

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि जैसे नए कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों ने ‘बलिदान’ किया उसी तरह अपने राज्य और विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी ‘बलिदान’ करना पड़ सकता है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “11 महीने तक किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया, 700 से अधिक किसान मारे गए। उन्होंने कहा कि जब किसानों ने बलिदान दिया तो केंद्र को तीन कृषि बिल रद्द करने पड़े। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमें अपने अधिकार वापस पाने के लिए वैसा बलिदान भी करना पड़ सकता है।” अब्दुल्ला ने कहा, “यह याद रखें, हमने (अनुच्छेद) 370, 35-ए और राज्य का दर्जा वापस पाने का वादा किया है और हम कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं।” यहां बाइट लग जायेगी।


हम आपको बता दें कि फारूक अब्दुल्ला ने यह भाषण स्थानीय भाषा में दिया था। हम आपको यह भी बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 116वीं जयंती के अवसर पर नसीमबाग में उनके मकबरे पर पार्टी की युवा शाखा के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी किसी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करती है।


कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल यात्रा


आइये अब आपको मिलवाते हैं हरियाणा के रेवाड़ी शहर के साइकिलिस्ट महेश से। महेश श्रीनगर से कन्याकुमारी तक की 4 हजार किलोमीटर की यात्रा पर निकले हैं। उनकी इस यात्रा को श्रीनगर में बीएसएफ के अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 40 दिनों की महेश की यह साइकिल यात्रा 14 जनवरी 2022 को कन्याकुमारी में सम्पन्न होगी। साइकिल यात्रा को बीएसएफ, रोटरी क्लब तथा कई अन्य संस्थाओं की ओर से प्रोत्साहित तथा प्रायोजित किया गया है। प्रभासाक्षी संवाददाता ने श्रीनगर में इस यात्रा के शुभारंभ अवसर का जायजा लिया तथा साइकिलिस्ट महेश तथा अन्य अधिकारियों और खेल प्रेमियों से बातचीत की। आइये देखते हैं खास रिपोर्ट-


पाठ्यपुस्तक वापस लेने का निर्देश


दूसरी ओर, जम्मू कश्मीर स्कूली शिक्षा बोर्ड (जेकेबीओएसई) ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सभी स्कूलों को दिल्ली के एक प्रकाशन हाउस द्वारा प्रकाशित एक पाठ्यपुस्तक वापस लेने का रविवार को निर्देश दिया। ऐसी खबरें हैं कि इस पुस्तक में इस्लाम के खिलाफ ईशनिंदा करने वाली सामग्री है। प्रकाशन हाउस जेसीईई पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड ने सातवीं कक्षा के लिए ‘‘हिस्ट्री एंड सिविक्स’’ नाम की पाठ्य पुस्तक के 2020 के संस्करण में ‘‘गलती’’ के लिए खेद जताया है। पुस्तक में इस्लाम के अंतिम दूत के चित्रण को लेकर प्रकाशक की निंदा की गयी। जेकेबीओएसई के अकादमिक निदेशक ने एक आदेश में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सभी स्कूलों को पाठ्यपुस्तक के 2020 संस्करण का इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया है।

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