By एकता | Sep 24, 2025
रिश्तों की दुनिया में हर इंसान का अंदाज अलग होता है। कुछ लोग लंबे समय तक सिंगल रहते हैं, अपने आप को समय देते हैं और फिर नई शुरुआत करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो कभी खाली जगह नहीं छोड़ते। उनका पैटर्न साफ दिखता है, जैसे ही एक रिश्ता खत्म होता है, वो पहले से ही किसी नए रिश्ते में कदम रख चुके होते हैं। इस आदत को आजकल एक नया नाम 'मंकी-बैरिंग' दिया गया है।
'मंकी-बैरिंग' शब्द की जड़ें बंदरों से जुड़ी है। एक दिलचस्प तुलना में, जैसे बंदर एक डाली को तब तक नहीं छोड़ता जब तक दूसरी डाली को मजबूती से पकड़ न ले, वैसे ही कुछ लोग पुराने रिश्ते को तब तक नहीं छोड़ते जब तक नया रिश्ता उनके हाथ में पक्का न हो जाए। यानी ब्रेकअप आधिकारिक रूप से भले बाद में हो, पर नया रिश्ता पहले ही शुरू हो चुका होता है।
ऐसा करने के पीछे सबसे बड़ा कारण अकेले रहने का डर है। किसी का साथ छूटने के बाद खालीपन और नई शुरुआत की घबराहट कई लोगों को असहज कर देती है।
अकेलेपन का डर: कुछ लोगों को सिंगल रहना बहुत मुश्किल लगता है।
नई शुरुआत की झिझक: पुराने रिश्ते के बाद जिंदगी को फिर से सेट करने का विचार भारी पड़ता है।
भावनात्मक दूरी: कई बार मन से रिश्ता पहले ही खत्म हो चुका होता है, बस औपचारिक ब्रेकअप बाकी रहता है। ऐसे में किसी नए इंसान से मिलना पुराने रिश्ते को छोड़ने का अंतिम धक्का बन जाता है।
मंकी-बैरिंग को धोखा कहना या न कहना व्यक्तिगत नजरिए पर निर्भर करता है, लेकिन सच यह है कि इसमें ईमानदारी की कमी जरूर होती है। पुराना साथी सोचता है कि रिश्ता अभी भी चल रहा है, जबकि हकीकत में दूसरा व्यक्ति आधे रास्ते बाहर निकल चुका होता है। नया साथी भी पूरी कहानी से अनजान रह सकता है, जिससे रिश्ते की नींव ही कमजोर हो जाती है।
पुराना साथी: वो भावनात्मक रूप से उस रिश्ते में निवेश करता रहता है जो दूसरे के लिए पहले ही खत्म हो चुका होता है।
नया साथी: उसे बेईमानी पर खड़ा रिश्ता मिलता है।
खुद मंकी-बैरिंग करने वाला: वो अकेले रहकर खुद को समझने और बढ़ने का मौका खो देता है।
रिश्तों में ईमानदारी और समय दोनों जरूरी हैं। अगर कोई रिश्ता खत्म हो रहा है, तो उसे खत्म होने का समय दें और खुद को भी समझने का मौका दें। मंकी-बैरिंग भले ही खालीपन से बचने का आसान रास्ता लगे, लेकिन यह दूसरों और खुद दोनों के लिए दर्द और उलझन लेकर आता है। अकेले रहना मुश्किल हो सकता है, मगर यही वो समय है जो आपको मजबूत और आत्मनिर्भर बनाता है।