अंगुली के स्पिनरों को प्रासंगिक बने रहने के लिए सुधार करने की जरूरत: हरभजन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 05, 2019

नयी दिल्ली। दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को लगता है कि रविन्द्र जडेजा के हरफनमौला कौशल के कारण विश्व कप की टीम में उनके पास जगह बनाने का मौका होगा है लेकिन सिर्फ अंगुली के स्पिनर के तौर पर टीम में बने रहने के लिए उन्हें सुधार करना होगा। कलाई के स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेन्द्र चहल पिछले 18 महीने में छोटे प्रारूप (एकदिवसीय और टी20) में भारत के शीर्ष स्पिनर बन गये हैं जबकि जडेजा और अश्विन के लिए टीम में जगह बनाना मुश्किल हो गया है।

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न्यूजीलैंड के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला में जडेजा को अंतिम एकादश में मौका नहीं मिला लेकिन भारत के लिए तीन एकदिवसीय विश्व कप टूर्नामेंटों में खेलने वाले हरभजन का मानना है कि वह विश्व कप की टीम में जगह बना सकते हैं। हरभजन ने पीटीआई को दिये विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘अगर आपको याद हो, 2017 चैम्पियंस ट्राफी में ब्रिटेन में मौसम गर्म और उमस भरा था। इसलिए इस बार भी वैसा मौसम हुआ तो जडेजा का इस्तेमाल एक पैकेज की तरह किया जा सकता है। अगर विरोधी टीम में पांच या छह दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं तो उन्हें टीम में रखा जा सकता है। वह छठे नंबर पर बल्लेबाजी भी कर सकते हैं जबकि हार्दिक पंड्या सातवें नंबर पर। वह टीम के सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षक भी हैं।’

अपने जमाने के सबसे शानदार ऑफ स्पिनर माने जाने वाले हरभजन सिंह ने माना कि कलाई के स्पिनरों के मुकाबले अंगुली के स्पिनरों के तरकश में कम तीर होते हैं। टेस्ट में 417 और एकदिवसीय में 269 विकेट लेने वाले 38 साल के इस गेंदबाज ने कहा, ‘इसे समझना काफी आसान है, कलाई के स्पिनर के पास तीन विकल्प होते है। लेग स्पिन, गुगली और फ्लिपर। अगर आप टॉप स्पिनर हैं तो आपके पास चार विकल्प होगा।’ उन्होंने कहा, ‘ऑफ स्पिनर की बात करें तो अगर आपके पास दमदार दूसरा का विकल्प नहीं है तो अच्छा बल्लेबाज आपकी गेंदबाजी का अंदाजा लगा लेगा और बड़े शाट खेल सकता है। नाथन लियोन क्लासिकल ऑफ स्पिनर है और वह एकदिवसीय में संघर्ष करते दिखे।’

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इस गेंदबाज ने कहा कि दुनिया भर के बल्लेबाजों के स्पिन के खिलाफ खास कर कलाई के स्पिनरों के विरुध प्रदर्शन में गिरावट आयी है। उन्होंने कहा, ‘स्पिनरों को उनके हाथ को देखकर गेंद का अंदाजा लगाने का चलन कम हो रहा है। ज्यादातर विदेशी बल्लेबाज ऐसा नहीं कर पा रहे। कुलदीप और चहल ने हालांकि काफी निरंतर गेंदबाजी की है। लगभग 40 मैचों में आप उनका पिच मैप देखेंगे तो पायेंगे कि उनकी लेंथ बिलकुल सटीक रहती है।’

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