Ganesh Visarjan 2023: अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति को किया जाएगा विदा, जानिए पौराणिक कहानी

By अनन्या मिश्रा | Sep 27, 2023

गणेश पर्व पूरे दस दिनों तक चलता है। इस साल 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया गया। गणपति बप्पा के भक्तों ने बड़ी धूमधाम से अपने घर में भगवान गणेश का स्वागत किया। हालांकि दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व में लोग अपनी श्रद्धानुसार, डेढ़ दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन या 10 दिनों के लिए घर में गणेश जी की स्थापना करते हैं। इसके बाद धूमधान से गणपति का विसर्जन किया जाता है। बता दें कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाता है। 


इसके बाद विधि-विधान से गणपति का विसर्जन किया जाता है। इस साल 28 सितंबर को गणपति विसर्जन किया जाएगा। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि गणेश विसर्जन के दिन आखिर गणपति का विसर्जन क्यों किया जाता है। आइए जानते हैं इसके पीछे छिपी पौराणिक कथा के बारे में...

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पौराणिक कथा

मान्यता के अनुसार, भगवान गणपति को अनंत चतुर्दशी के दिन जल में विसर्जित कर दिया जाता है। क्योंकि गणपति जल तत्व के अधिपति माने जाते हैं। पुराणों के मुताबिक भगवान गणेश को वेद व्यास कथा सुनाते थे और गणपति बप्पा उसे लिखते थे। कथा सुनाते-सुनाते वेद व्यास ने अपनी आंखें बंद कर लीं, वह 10 दिनों तक कथा सुनाते रहे और गणपति उस कथा को लिखते गए। लेकिन जब 10वें दिन वेदव्यास ने अपने नेत्र खोले, तो देखा कि गणेश जी के शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया। वेद व्यास ने गणपति के शरीर को ठंडा करने के लिए उन्हें जल में डुबो दिया। इससे उनका शरीर ठंडा हो गया। तभी से यह मान्यता चली आ रही है कि गणेश भगवान को शीतल करने के लिए गणेश विसर्जन किया जाता है।


वहीं एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक दक्षिण में अपने भाई कार्तिकेय के यहां भगवान गणेश जी की कुछ दिनों के लिए रहने गए। इस दौरान भगवान गणेश ने वहां पर सबका मन मोह लिया। 10 दिनों बाद जब भगवान गणेश अपने धाम को विदा हुए तो भगवान कार्तिकेय समेत सभी लोग काफी भावुक हो गए। इसके साथ ही गणपति को अगले साल फिर से आने का न्योता दिया। बताया जाता है तभी से गणेश विसर्जन का पर्व मनाया जाने लगा। गणेश विसर्जन के दिन भगवान गणपति से प्रार्थना की जाती है कि वह अगले साल सुख-समृद्धि और खुशियों के साथ वह फिर भक्तों के घर पधारें।

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