दुर्लभ बीमारी के मरीजों को 15 लाख रुपये तक के इलाज का सरकार का प्रस्ताव

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 14, 2020

नयी दिल्ली। बहुप्रतीक्षित दुर्लभ रोग नीति मसौदे के अनुसार सरकार दुर्लभ बीमारियों के एकमुश्त इलाज के लिए राष्ट्रीय आरोग्य निधि योजना के तहत 15 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देगी।दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय नीति का मसौदा सोमवार को जारी किया गया। इसके तहत लाभार्थी गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन समृद्धि योजना के प्रावधानों के अनुसार 40 प्रतिशत आबादी भी इसके पात्र होंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का इरादा कुछ चिकित्सा संस्थानों को दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए उत्कृष्ट केंद्रों के रूप में अधिसूचित करने का इरादा है।

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इनमें एम्स, नयी दिल्ली, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नयी दिल्ली, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ शामिल हैं। मसौदा नीति के अनुसार इन केंद्रों में मरीजों के उपचार का खर्च ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए प्राप्त दान से पूरा किया जाएगा।मंत्रालय ने मसौदा नीति अपनी वेबसाइट पर डाल दी है और 10 फरवरी तक इस पर टिप्पणी और सुझाव मांगे गए हैं। मसौदे में कहा गया है कि सरकार दुर्लभ बीमारियों के मरीजों के इलाज पर आने वाले खर्च के लिए दान करने वाले स्वैच्छिक लोगों और कॉर्पोरेट घरानों की खातिर एक डिजिटल प्लेटफॉर्म स्थापित कर वैकल्पिक वित्त पोषण तंत्र बनाने का प्रयास करेगी।

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