तीन तलाक से जुड़े विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजे सरकार: मायावती

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 01, 2019

नयी दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती तीन तलाक़ से जुड़े विधेयक को विस्तृत विचार विमर्श के लिए संसद की प्रवर समिति को भेजने की विपक्ष की माँग से सहमति जताते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार को इस मामले में अड़ियल रवैया छोड़कर इस विधेयक को प्रवर समित के पास भेजना चाहिए। मायावती ने सोमवार को एक लिखित वक्तव्य में कहा कि राज्यसभा में सरकार द्वारा चर्चा और पारित करने के लिए पेश तीन तलाक़ विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की विपक्षी दलों की माँग उचित है लेकिन सत्तापक्ष का रवैया अड़ियल होने के कारण गतिरोध बन गया है।

मायावती ने नववर्ष की पूर्वसंध्या पर देशवासियों को दिये शुभकामना संदेश में सर्वसमाज की सुख शांति एवं समृद्धि की कामना करते हुए कहा कि नए साल से ठीक पहले पाँच राज्यों के चुनाव में जनता ने भाजपा के अहंकार को तोड़कर आने वाले साल में बेहतर परिणाम का संकेत दिया है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस को सख़्त संदेश देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बनी कांग्रेस की नई सरकारों को भाजपा की तरह ही किसानों और बेरोजगारों आदि से वादाखिलाफी कतई नहीं करनी चाहिये। इतना ही नहीं मायावती ने राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को बसपा के बिना शर्त समर्थन के फ़ैसले पर पुनर्विचार करने की भी चेतावनी दी। 

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बसपा प्रमुख ने कहा कि नये वर्ष में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को यह चेतावनी इसलिये भी देना जरूरी है क्योंकि अब केवल घोषणाओं आदि से काम चलने वाला नहीं है। लोगों का यही मानना है कि कागजी घोषणाओं आदि के मामले मे भाजपा व कांग्रेस दोनों ही एक ही थैली के चट्टे-बट्टे रहे हैं। अब यह कांग्रेस पर निर्भर है कि वह इस अवधारणा को अब भी बदल पाती है या नहीं। 

मायावती ने अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण कानून 1989 व सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण’’ की पूर्ण रूप से बहाली की मांग को लेकर गत दो अप्रैल को किये गये भारत बन्द के दौरान मध्यप्रदेश और राजस्थान में राजनीतिक द्वेष से निर्दोंष लोगों पर चल रहे मामले राज्य सरकारों से वापस लेने की माँग की। उन्होंने कहा कि वहां की नई कांग्रेसी सरकारों को मामले तुरन्त वापिस लेकर उन्हें खत्म करना चाहिये।

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उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस की नई सरकारों ने अविलम्ब उचित कार्रवाई नहीं की, तो बसपा को मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार को बाहर से समर्थन देने के मामले में पुनर्विचार करना पड़ सकता है।” उन्होंने कहा कि अब नये वर्ष में लोगों को तय करना है कि वे इस चुनावी वर्ष में 2014 की गलती कतई नहीं करेंगे। जिससे केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा थोपे गये अनेक प्रकार के संकट समाप्त हो सके।

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