By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 29, 2020
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने सरकार की ओर से किसान संगठनों को नए दौर की बातचीत के लिए बुलाने की पृष्ठभूमि में मंगलवार को कहा कि सरकार को मौखिक आश्वासन देने की बजाय संसद के जरिए कानून बनाकर किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने यह आरोप भी लगाया कि तीनों कृषि कानून लाना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म करने की साजिश है। दरअसल, सरकार ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों को सभी प्रासंगिक मुद्दों पर अगले दौर की वार्ता के लिए 30 दिसंबर को बुलाया है। इससे पहले सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी।
शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसानों के आंदोलन को राजनीतिक दलों का आंदोलन बताना गलत है। यह किसानों को बदनाम करने का प्रयास है। यह आंदोलन पूरी तरह से किसानों का आंदोलन है। सरकार को किसानों को बदनाम करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘सरकार में बैठे लोग कह रहे हैं कि वो आश्वासन देते हैं कि एमएसपी खत्म नहीं होगी और किसानों की जमीन सुरक्षित रहेगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या इन मौखिक आश्वासनों से किसानों को कोई कानूनी कवच मिलेगा?’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि सरकार किसानों को सुनें और उनकी मांगों को स्वीकार करे। ये मांगें संसद से पारित कानून का हिस्सा होनी चाहिए।’’
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, ‘‘जब किसी किसान संगठन ने इन कानूनों को बनाने की मांग नहीं की तो फिर किसके कहने पर ये काले कानून बनाए गए?’’ सच्चाई यह है कि एमएसपी को खत्म करने और खेती पर उद्योगपतियों का कब्जा कराने का षड्यंत्र है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजस्थान और पूरे देश में किसानों के आंदोलन के साथ खड़ी रहेगी औा सरकार को मांगें मानने के लिए विवश करेगी।