सरकार को किसानों के आंदोलन को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए: शरद पवार

Sharad Pawar

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि यह चिंता की बात है कि किसान नए कृषि कानूनों पर केंद्र के साथ गतिरोध के बीच भीषण ठंड में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

नयी दिल्ली। सरकार और किसानों के बीच प्रस्तावित वार्ता के दो दिन पहले राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने सोमवार को कहा कि केंद्र को किसानों के आंदोलन को ‘बहुत गंभीरता’ से लेना चाहिए और दोनों पक्षों के बीच वार्ता होनी चाहिए। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि यह चिंता की बात है कि किसान नए कृषि कानूनों पर केंद्र के साथ गतिरोध के बीच भीषण ठंड में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।  माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात के बाद पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार को किसानों के आंदोलन को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए...वार्ता होनी चाहिए। किसान कंपकंपाती ठंड में सड़क पर खुले में प्रदर्शन कर रहे हैं, यह हम सबके लिए चिंता की बात है।’’ 

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आंदोलन के गैर राजनीतिक स्वरूप को लेकर पवार ने कहा कि पहले दिन ही किसानों ने स्पष्ट कर दिया था कि वे इस आंदोलन में किसी भी राजनीतिक संगठन के साथ जुड़ना नहीं चाहते हैं। बैठक के बाद येचुरी ने कहा, ‘‘शरद पवार से मेरी भेंट हुई। यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। हमने किसानों के आंदोलन पर चर्चा की। विपक्षी दल हालात पर चिंतित हैं, हमें 30 दिसंबर को उनकी बैठक के नतीजों का इंतजार है और फिर आगे का फैसला करेंगे।’’ पिछले एक महीने से ज्यादा समय से हजारों किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। मांग पूरी नहीं होने पर आगामी दिनों में उन्होंने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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