GRM ने मुंद्रा पोर्ट के करीब एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का अधिग्रहण किया

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 15, 2019

नई दिल्ली। दुनिया को बासमती चावल का निर्यात करने वाली भारत की तीसरी और मध्य पूर्व में निर्यात करने वाली दूसरी सबसे बड़ी जीआरएम ओवरसीज लिमिटेड ने गांधीधाम, कच्छ, गुजरात स्थित एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के अधिग्रहण की घोषणा की है। यह अधिग्रहण जीआरएम की रणनीतिक योजना के मुताबिक है जिसके जरिए कंपनी क्षमता विस्तार तथा मुंद्रा पोर्ट के करीब एक वेअरहाउस विकसित कर रही है ताकी निर्यात में वृद्धि की जा सके। यह सौदा 12 करोड़ रुपए में हुआ है तथा इसके लिए धन बैंक ऋण व आंतरिक स्त्रोतों से जुटाया गया है। इस अधिग्रहित प्लांट में जमीन, इमारत व दो सोरटैक्स प्लांट शामिल हैं और इसकी क्षमता 800 मीटि्रक टन प्रति दिन है। कंपनी एक वेअरहाउस बनाने के लिए प्लांट से लगा एक बड़ा भूखंड भी खरीदा है। 

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इस प्रगति के बारे में जीआरएम ओवरसीज़ के प्रबंध निदेशक श्री अतुल गर्ग ने कहा कि युनाइटेड फूड्स से इस मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के अधिग्रहण की घोषणा करते हुए हम बहुत प्रसन्न हैं। इससे हमारी उत्पादन व प्रोसैसिंग क्षमता 800 मीटि्रक टन प्रति दिन बढ़ जाएगी। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकी हम यूरोप, अमेरिका व मध्य पूर्व में अपने व्यापार का विस्तार करने जा रहे हैं। इसके अलावा, इन्वेंट्री के बेहतर प्रबंधन हेतु हमने फैक्ट्री से लगा हुआ एक औद्योगिक भूखंड भी खरीदा है। इसका इस्तेमाल वेअरहाउसिंग सुविधाओं के निर्माण तथा अतिरिक्त उत्पादन व प्रोसैसिंग क्षमता के लिए किया जाएगा।

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श्री गर्ग ने कहा कि ये कदम हमारी दीर्घकालिक रणनीतिक योजना के अनुसार उठाए गए हैं ताकी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सके और साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए की हमारे उत्पाद उत्कृष्ट क्वालिटी के मानकों के मुताबिक हों जो की जीआरएम ब्रांड की पहचान हैं। मुंद्रा पोर्ट के पास अतिरिक्त वेअरहाउसिंग क्षमता से हमारे निर्यात ऑर्डरों की डिलिवरी में लगने वाला वक्त घटेगा और इस तरह से हमारे बिज़नेस साइकल में दक्षता व उत्पादकता में सुधार होगा।

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मुंद्रा प्लांट सौदे से पहले जीआरएम पानीपत, हरियाणा स्थित अपने दो अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांटों से परिचालन करती आ रही है। जीआरएम अंतर्राष्ट्रीय स्तर की विश्वसनीय सप्लायर कंपनी है, इसके पास विस्तृत वितरण नेटवर्क है और ये नए प्लांट कंपनी के निर्यात बाजार को समर्पित सेवाएं देंगे जबकी पानीपत स्थित प्लांट घरेलू बाजार के साथ−साथ निर्यात बाजारों पर ध्यान केन्द्रति करेंगे।

 

जीआरएम ओवरसीज़ के बारे में 

 

जीआरएम ओवरसीज़ लिमिटेड यळत्डद्ध दुनिया को बासमती का निर्यात करने वाली तीसरी सबसे बड़ी तथा मध्यपूर्व को निर्यात करने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है (ताज़ा ।च्म्क्। आंकड़ों के मुताबिक)। कंपनी मुख्य रूप से बासमती चावल की पारंपरिक किस्मों पर ध्यान देती है और विशेष भारतीय चावलों के मामले में यह इस वक्त विश्व लीडर है। जीआरएम लंबे दानों वाले उम्दा बासमती चावल बेचती है जिन्हें भारतीय उपमहाद्वीप के चुनिंदा क्षेत्रों में उगाया जाता है। कंपनी अपने ब्रांडों 'तनुष', 'हिमालया रिवर' तथा अन्य तीसरे पक्ष के ब्रांडों के तहत भी बासमती चावल की बिक्री करती है।

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कंपनी की स्थापना 1974 में हुई थी और इसके पास विश्वास और भरोसे की 45 वर्षों की विरासत है। जीआरएम की तीन अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधाएं हैं जिनमें से दो पानीपत, हरियाणा और एक गांधीधाम, गुजरात में हैं। कंपनी 32 से अधिक देशों में निर्यात करती है जिनमें यूएसए, यूके व अन्य यूरोपीय देश शामिल हैं तथा खाड़ी क्षेत्र में भारतीय बासमती निर्यात करने वाली यह सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। 

 

जीआरएम का मुख्यालय भारत में और इसके क्षेत्रीय/सहायक दफ्तर यूएस और यूके में हैं। कंपनी का लक्ष्य ग्राहकों को सर्वोत्तम गुणवत्ता के उत्पाद पेश करना है जो कड़े क्वालिटी नियंत्रण से गुजरते हैं और जिनकी प्रक्रिया अंतर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक है।अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए जीआरएम प्रोडक्ट पोर्टफोलियो के विविधिकरण पर ध्यान देती है और उच्च क्वालिटी के उत्पादों की पेशकश करती है जैसे ब्रांडेड बासमती, स्पेशलिटी राइस वैरायटी और ऑर्गेिनक राइस प्रोडक्ट। 

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