By निधि अविनाश | May 10, 2021
केरल में 40 साल की पुरानी परंपरा टूट गई है और लेफ्ट पार्टी ने चुनाव में जीत हासिल कर इतिहास रच दिया है। सत्ता में लगातार दूसरी बार जीत हासिल कर विजयन लेफ्ट पार्टी के शायद अब पोस्टर बॉय साबित होते दिख रहे है। केरल विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद विजयन ने 35 साल बाद अपने सरकार का पद और ऊपर कर दिया है। जहां दूसरी पार्टी के लिए कोरोना संकट एक चुनावी मुद्दा बनता दिखा तो वहीं विजयन ने अपने नाम और काम के बल पर केरल में लोगों का दिल और वोट दोनों हासिल किए।
क्या पडे़गा असर?
बता दें कि साल 2011 में बंगाल में सत्ता खोने के बाद यह पार्टी के लिए सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है लेकिन इसके साथ ही लेफ्ट पार्टी की राजनीति पर भी असर पड़ता दिखाई दे सकता है। जानकारी के मुताबिक, पद में आने के बाद विजयन न केवल पार्टी के हित के लिए बड़े फैसले लेंगे बल्कि अपनी पार्टी की राजनीति की दिशा में बढ़-चढ़कर काम भी करेंगे। इसके अलावा विजयन की जीत से लेफ्ट पार्टी में गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी के गठबंधन का भी दबाव बढे़गा।
ऐसे बढ़ा विजयन का कद!
साल 2016 में विजयन ने सीएम का पद संभाला, साल 2016 से लेकर 5 सालों तक विजयन ने काफी चीजों पर काम किया जैसे की गरीबों के लिए कल्याणकारी योजना, फ्री राशन, कोरोना संकट में भी बेहतरीन मैनेजमेंट बढ़ाना, यह सब विजयन की जीत का उदाहरण पेश करता है। विजयन के इन मदद से इनकी पार्टी के करीबियों पर लगे करप्शन के आरोप से लेकर सबरीमाला विवाद हटता दिखा। 78 साल के विजयन लोगों का विश्वाश जीतने में काबिल रहे और काफी विवादों से घिरे होने के बावजूद उनपर या उनकी पार्टी पर कोई असर नहीं दिखा। जब साल 2016 में विजयन ने सीएम का पद संभाला तब उन्होंने साफ ऐलान किया कि वह लीग से हटकर काम करने वाले नेता साबित होंगे। तब से लेकर अबतक विजयन बड़े फैसले लेने वाले नेता भी साबित हुए।