घर लेना किसी भी व्यक्ति का बेहद महत्वपूर्ण सपना होता है। अपने जीवन में हर कोई चाहता है कि उसका अपना कम से कम एक घर ज़रूर हो!
और इसके लिए वह अपनी तमाम ज़मा पूँजी इस कार्य के लिए झोंक देता है। कल्पना कीजिए कि अपनी जमा पूंजी के साथ, कोई व्यक्ति बैंक से होम लोन लेता है, और घर खरीद लेता है। वह कोई फ्लैट हो सकता है, ज़मीन हो सकती है।
वैसे भी बिना लोन के सीधे कैश पर घर खरीदने वाले बहुत कम ही लोग होते हैं, जो एकमुश्त राशि से घर खरीद सकें। ऐसी स्थिति में लोन लेना, कहीं न कहीं व्यक्ति की मजबूरी हो जाती है। अब इसके साथ यह भी कल्पना कीजिए कि उस व्यक्ति को कुछ हो जाए, और लोन देने का दबाव झेलने वाला उस घर में कोई अन्य न हो। मतलब कमाने वाला कोई दूसरा ना हो।
ऐसी स्थिति में क्या होगा?
ऐसी स्थिति में निश्चित तौर पर आपका घर, बैंक द्वारा ज़ब्त कर लिया जाएगा। मतलब, जिसके लिए आपने मेहनत की, अपनी जमा पूँजी लगा दी, वह घर ही आपके हाथों से चला जाएगा, परंतु अगर आपने होम लोन का इंश्योरेंस करा रखा है, तो यह इंश्योरेंस उस आपात स्थिति में भी, लोन की ईएमआई चुकाने में आपकी मदद करेगा।
जब घर का कमाऊ सदस्य किसी कारणवश अक्षम हो जाता है, तो होम लोन इंश्योरेंस आपके लिए वरदान साबित होता है। यहाँ एक बात क्लियर करना जरूरी है कि होम इंश्योरेंस और होम लोन के इंश्योरेंस में काफी फर्क है।
होम इंश्योरेंस मतलब, घर में अगर कोई चोरी होती है, कोई दुर्घटना होती है, और घर का कोई नुकसान हो जाता है, खासकर सामानों का नुकसान होता है, तो वह होम इंश्योरेंस में कवर होता है, जबकि होम लोन इंश्योरेंस इससे काफी अलग है।
होम लोन इंश्योरेंस आपकी ईएमआई से संबंधित है। होम लोन के साथ उसका इंश्योरेंस आप खरीदें या ना खरीदें, यह आपको स्वयं समझना होता है, लेकिन अगर आपने होम लोन इंश्योरेंस लिया हुआ है, तो कमाउ व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु पर आपकी नॉमिनी को घर मिलेगा, जबकि ईएमआई इंश्योरेंस कंपनी चुकाएगी।
ऐसी स्थिति में आपका सपना कहीं ना कहीं जिंदा रहेगा। ना केवल आकस्मिक मृत्यु, बल्कि किसी दुर्घटना में भी स्थाई रूप से, या पूर्ण विकलांग होने पर भी होम लोन इंश्योरेंस का कवर मिलता है।
अगर कमाऊ व्यक्ति को कोई गंभीर बीमारी हो गई है, और व्यक्ति कमाने में अस्थायी रूप से अक्षम हो गया है, नौकरी छूट गयी है, तो भी कुछ महीनों की मासिक किस्तों का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है।
हालांकि अलग-अलग प्लान में अलग-अलग स्कीम आती है। इसमें होम लोन प्रोटेक्शन, एक टर्म इंश्योरेंस की भांति होता है, और ऐसी स्थिति में बीमा की अवधि आप स्वयं तय कर सकते हैं, और इसी के अनुरूप लोन इंश्योरेंस का प्रीमियम भी तय होता है।
जब भी आप होम लोन इंश्योरेंस का कवर लेने जाएँ, तो ध्यान रखें कि कौन सी कंपनी आपको क्या ऑफर करती है?
हालांकि जिस भी बैंक या एनबीएफसी से आप होम लोन लेते हैं, अक्सर उनका किसी न किसी इंश्योरेंस कंपनी से टाईअप होता है, और वह आपको होम लोन का इंश्योरेंस ऑफर भी करती है।
ध्यान रखने वाली बात यह है कि अगर आप अपना होम लोन किसी और के नाम शिफ्ट करते हैं, या फिर उसे बंद कर देते हैं, तो आपका लोन बीमा कवर भी समाप्त हो जाता है। इसी प्रकार से आपका मामला अगर आत्महत्या का है, तो भी यह होम लोन प्रोटेक्शन प्लान के दायरे में नहीं आएगा। परंतु हां! अगर आप अपने लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कराते हैं, या दूसरी एनबीएफसी में ट्रांसफर कराते हैं, तो आपको यह कवर जरूर मिलेगा। इसी प्रकार से प्री पेमेंट या रिस्ट्रक्चरिंग कराते समय भी होम लोन इंश्योरेंस आपको सुविधाएं देगा।
उम्मीद है आप समझ सके होंगे कि होम लोन इंश्योरेंस का वास्तविक फायदा क्या है।
चूंकि आज के समय में जीवन का कोई भरोसा नहीं है। घर से लेकर रोड, और कंपनी से लेकर घूमने जाने तक हर कोई रिस्क में चलता है। तो आप जब भी होम लोन लें, तो अपनी नॉमिनी के लिए, उसको सुरक्षित करने हेतु होम लोन इंश्योरेंस का कवर भी अपने पास अवश्य रखें।
- मिथिलेश कुमार सिंह