आजादी आजादी के नारे सुन जिस तरह PoK से शहबाज शरीफ भागे, उसी तरह एक दिन पाक सेना भी भागेगी

By नीरज कुमार दुबे | Dec 23, 2022

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पीओके के दौरे पर आये थे तब उनको जिस तरह विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा वह पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चेतावनी है। दरअसल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की जनता इस बात से नाराज है कि संघीय सरकार जनता से जुड़े मुद्दों की लगातार अनदेखी कर रही है और इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों को खुद भी लूट रही है और चीन को भी इस लूट का हिस्सा दे रही है। पीओके में महंगाई चरम पर है, बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर है लेकिन पाकिस्तान सरकार की किसी भी योजना का लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल रहा है। एक तरह से पाकिस्तान की पीओके को लेकर जो नीति है वह पूरी तरह विफल नजर आ रही है। पीओके की जनता देख रही है कि भारत में कश्मीर कैसे फल-फूल रहा है और आगे बढ़ रहा है लेकिन पाकिस्तान अपने अवैध कब्जे वाले कश्मीर की लगातार उपेक्षा कर रहा है। लेकिन अब यहां की जनता ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की ठान ली है इसलिए लगातार पाकिस्तान के विरोध में यहां से खबरें देखने सुनने को मिल रही हैं।


हम आपको बता दें कि हाल ही में जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पीओके के दौरे पर आये थे तो इस इलाके के कथित प्रधानमंत्री सरदार तनवीर इल्यास के साथ उनकी जमकर बहस हो गयी थी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। दरअसल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बने मंगला बांध हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट से जुड़े कार्यक्रम के दौरान शहबाज शरीफ अपना भाषण जैसे ही समाप्त करने वाले थे तभी तनवीर इल्यास ने 'कश्मीरियों के बलिदान' का जिक्र नहीं करने पर शहबाज शरीफ को खरी खोटी सुनानी शुरू कर दी। इससे शहबाज शरीफ के होश उड़ गये और एकदम से वह अपना भाषण खत्म करके वहां से भाग खड़े हुए। इस दौरान स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान से आजादी के नारे भी लगाये जिसे देखकर शहबाज शरीफ और उनके साथियों के चेहरे का रंग ही गायब हो गया था।

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शहबाज शरीफ के भाग खड़े होने के बाद तनवीर इल्यास ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पीओके में कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी। हम आपको बता दें कि तनवीर इल्यास पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई के नेता हैं और शहबाज शरीफ के धुर विरोधी माने जाते हैं। तनवीर इल्यास ने कहा कि मंगला बांध को बनाने में कई कश्मीरियों की कब्रें तक डूब गयीं लेकिन पाकिस्तान सरकार इसका कोई जिक्र नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि इस बांध को बनाने में कश्मीरियों को अपनी जमीनों से हाथ धोना पड़ा लेकिन पाकिस्तान सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली। तनवीर इल्यास ने कहा कि शहबाज शरीफ पीओके में खड़े होकर जो भाषण दे रहे थे उसमें इस इलाके में विकास परियोजनाओं का ऐलान करने की बजाय दूसरे क्षेत्रों के लिए घोषणाएं कर रहे थे जोकि दर्शाता है कि पाकिस्तान सरकार पीओके के विकास के लिए जरा भी गंभीर नहीं है।


स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के पीओके में पहुँचने के दौरान लोगों ने बड़ी संख्या में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। हालांकि पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार कर कानून व्यवस्था बनाये रखने की कोशिश की। मुजफ्फराबाद और मीरपुर में लोगों ने पाकिस्तान से आजादी के नारे भी लगाये। हम आपको बता दें कि मंगला बांध बनने से बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं लेकिन उन्हें सरकार की ओर से कोई मुआवजा भी नहीं दिया गया है। 


हम आपको यह भी बता दें कि कई बार यह भी देखने में आया है कि पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर मांग की है कि वहां हो रहे अमानवीय अत्याचार और उस क्षेत्र के साथ पाकिस्तान सरकार के भेदभाव को बंद करवाया जाये। पीओके के वर्तमान हालात की बात करें तो पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ यहां के लोगों के मन में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ समय से यहां के लोग चीन की ओर से क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों के किये जा रहे दोहन के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं। मुजफ्फराबाद में नीलम-झेलम जल विद्युत परियोजना के खिलाफ जो व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था उसको देखकर पाकिस्तान सरकार हिल गयी थी इसलिए उस प्रदर्शन का बलपूर्वक दमन किया गया था।


यही नहीं पीओके की जनता पाकिस्तानी सेना की ओर से जबरन भूमि कब्जे के खिलाफ भी आवाज उठाती रही है। पीओके की खूबसूरत लोकेशनों से स्थानीय जनता को खदेड़ कर पाकिस्तानी सेना के अधिकारी अपने बड़े-बड़े बंगले बनवा रहे हैं। साथ ही स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां पर सर्वाधिक बिजली बनने के बावजूद लोगों को पूरे समय बिजली सप्लाई नहीं की जाती और उसे बाहर बेच दिया जाता है। हालिया समय में कई बार यहाँ खुलकर पाकिस्तानी सरकार और सेना के खिलाफ प्रदर्शन होते रहे हैं। पीओके के लोग इस्लामाबाद की मनमानी से तंग आ चुके हैं और जिस तरह से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को हाल ही में वहां से भागने पर मजबूर होना पड़ा वह दर्शाता है कि लोग यदि और जागरूक हुए और उनमें इच्छाशक्ति जगी तो पाकिस्तानी सेना को भी इस क्षेत्र से जल्द ही भागने पर मजबूर होना पड़ेगा।


-नीरज कुमार दुबे

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