कोहली बोले, भारतीय अपेक्षाओं से कैसे निबटना है यह मैं समझ चुका हूं

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 05, 2019

साउथम्पटन। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मंगलवार को कहा कि क्रिकेट के दीवाने देश की अपेक्षाओं से निबटना सीख लिया है लेकिन क्रिकेट मैदान पर लगातार अच्छे फैसले करना एक क्रमिक प्रक्रिया है। वनडे विश्व कप में पहली बार भारत की अगुवाई करने के लिये तैयार कोहली से एक अरब भारतीय हर मैच में शतक की उम्मीद करते हैं। कोहली ने 2011 और 2015 विश्व कप में भारत के शुरुआती मैचों में शतक बनाये थे। कोहली से जब पूछा गया कि क्या वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार को होने वाले मैच इस तरह के शतकों की हैट्रिक पूरी कर सकते हैं, उन्होंने कहा कि इस तरह की अपेक्षाओं के साथ जीना अब उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है। 

 

कोहली ने मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘देखिये जब आप अच्छा प्रदर्शन करते हो और लंबे समय से ऐसा करते तो आपसे अपेक्षाएं की जाएंगी। मैं समझ चुका हूं कि अपेक्षाओं से कैसे निबटना है। आपको किसी के सामने कुछ साबित नहीं करना है जो कि सच्चाई है लेकिन आपको यह स्वीकार करना होगा कि आपसे उम्मीदें लगी होंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं बल्लेबाजी के लिये जाऊंगा तो सीढ़ियां उतरते समय लोग कहेंगे कि हमें शतक चाहिए और इस तरह की चीजें होंगी। मेरे लिये ये सब चीजें अब प्रक्रिया का हिस्सा हैं।’’ वह इस पर बात नहीं करना चाहते कि वह अपने पीछे किस तरह की विरासत छोड़ना चाहेंगे लेकिन उनका मानना है कि कप्तान के भूमिका में उनकी प्रगति क्रमिक रही है। कोहली ने कहा, ‘‘जब आप मैच की परिस्थितियों से अवगत नहीं रहोगे तो गलतियां करोगे। आप जितनी अधिक क्रिकेट खेलोगे ये धीरे धीरे कम होती जाएंगी। जब आपके साथ टीम में अनुभवी खिलाड़ी हो जो कि क्रिकेटर के तौर पर आपके साथ आगे बढ़े हों तो धीरे धीरे आप अच्छे फैसले करने लग जाते हो।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी हर समय सही या गलत फैसले नहीं कर सकता है इसलिए महत्वपूर्ण सही फैसले करने की कोशिश करना है।’’ किसी भी बड़े टूर्नामेंट से पहले एक अलग तरह रोमांच रहता है लेकिन वह भारतीय टीम के विश्व कप अभियान से पूर्व कुछ अलग जैसा महसूस नहीं कर रहे हैं। कोहली ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो प्रत्येक मैच से पहले मुझे ऐसा अहसास होता है और मैं इसमें अंतर नहीं कर सकता। हां अगर आप केवल विश्व कप शब्द कहो तो यह आपके दिलोदिमाग में अलग तरह का अहसास दिलाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक 2011 और 2015 में भी मैं इस तरह से महसूस कर रहा था। यहां तक कि टेस्ट मैच में जब दो विकेट पर दस रन के स्कोर पर क्रीज पर कदम रखते हो तो आप अलग तरह से महसूस करते हो।’

 

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