By रेनू तिवारी | Aug 08, 2024
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि अगर भाजपा और शिवसेना ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया होता तो वे पूरी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को अपने साथ ले आते। उन्होंने कहा कि राजनीति में वे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों से वरिष्ठ हैं। पवार मौजूदा मुख्यमंत्री 'योद्धा कर्मयोगी- एकनाथ संभाजी शिंदे' की जीवनी के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में शिंदे और फडणवीस भी मौजूद थे।
"सब आगे बढ़ गए, मैं पीछे रह गया"
जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी और एनसीपी से अलग होकर भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार ने कहा, "सब आगे बढ़ गए और मैं पीछे रह गया।" उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस 1999 में और शिंदे 2004 में पहली बार विधायक बने थे, जबकि वे पहली बार 1990 में विधानसभा के सदस्य बने थे। पवार ने चुटकी लेते हुए कहा, "मैंने कुछ लोगों से मजाक में कहा था कि जब आपने (साफ तौर पर भाजपा की ओर इशारा करते हुए) एकनाथ शिंदे से कहा था कि वे इतने विधायकों के साथ आएं और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा... तो आपको मुझसे पूछना चाहिए था। मैं पूरी पार्टी साथ लेकर आता।" इस पर फडणवीस, शिंदे और खुद अजित पवार भी हंसने लगते हैं।
इसके बाद पवार ने बनावटी गंभीरता के साथ कहा, "दोस्तों, यह मजाक है, रहने दो। जीवन में जो कुछ भी होता है, वह भाग्य में लिखा होता है। हमें अपना काम करते रहना चाहिए।"
फडणवीस ने क्या कहा?
इस अवसर पर बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि वह एक ही विधानसभा कार्यकाल (2019 से 2024 के बीच) के दौरान मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता और फिर उपमुख्यमंत्री बने और इसी तरह पवार भी उसी अवधि के दौरान उपमुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता और फिर उपमुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री शिंदे ने बाद में पत्रकारों से बात करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि पिछले दो वर्षों में विकास और कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के कारण उनकी सरकार विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता बरकरार रखेगी।