By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 14, 2018
नयी दिल्ली। आयकर विभाग ऐसी विदेशी आनलाइन कंपनियों पर कर लगाने की संभावना तलाश रहा है जिनकी भारत में आर्थिक गतिविधियों से अच्छी कमाई है। आयकर विभाग ने आज उद्योग जगत से इस पर विचार मांगे हैं। उद्योगों से पूछा गया है कि भारत में उल्लेखनीय आर्थिक उपस्थिति रखने वाली कंपनियों की श्रेणी के लिये राजस्व अथवा उनके उपयोगकर्ताओं की क्या सीमा होनी चाहिये ताकि उन पर कर लगाया जा सके।
अमेजन , गूगल , नेटफ्लिक्स , फेसबुक , ट्विटर जैसी कंपनियां देश में आनलाइन सेवाएं प्रदान करती हैं और यहां इन कंपनियों के उपयोगकर्ताओं की अच्छी खासी संख्या है। सरकार ने वित्त अधिनियम, 2018 के जरिये आयकर कानून की धारा 9(1)(आई) के तहत उल्लेखनीय आर्थिक उपस्थिति (एसईपी) की अवधारणा पेश की थी। इसके पीछे मकसद ‘कारोबारी जुड़ाव’ की परिभाषा का दायरा बढ़ाकर भारत में प्रवासियों पर कर लगाना है। परिभाषा में स्पष्ट किया गया है कि भारत में गैर- निवासी एसईपी उसे माना जायेगा जिस गैर-निवासी के भारत में ‘‘कारोबारी संपर्क या जुड़ाव’’ हो।
हालांकि , एसईपी का प्रावधान वित्त अधिनियम , 2018 में पेश किया गया था , लेकिन प्रवासियों की एसईपी की सीमा अभी तय नहीं की गई थी। आयकर विभाग ने 10 अगस्त तक अंशधारकों से इस पर टिप्पणियां मांगी हैं।