By निधि अविनाश | Jun 18, 2020
सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए हुए चुनाव में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 192 मत पड़े जिनमें से 184 मत भारत के पक्ष में रहे। भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा। भारत को आठवीं बार संयुक्त राष्ट्र की इस महत्वपूर्ण संस्था में सदस्यता मिली है। इसमें पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ परिषद , एक संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 प्रमुख हिस्सों में से एक है जिसका मुख्य लक्ष्य दुनियाभर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सदस्यों को संघ का हिस्सा बनाना और इसके चार्टर में बदलाव लाना इस परिषद का हिस्सा है। इसका मकसद दुनियाभर मके देशों में शांति मिशन पेश करता है और साथ ही अगर दनिया के किसी भी हिस्से में मिलिट्री एक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए उसे लागू भी करता है।
क्या है अस्थाई चुनाव?
संयुक्त राष्ट्र संघ परिषद में हर साल 5 अस्थाई सीटों के लिए चुनाव कराए जाते है। ये चुनाव 2 साल के कार्यकाल के लिए होता है। इसमें कुल 10 में से 5 अस्थाई सदस्यों का चुनाव होता है। ये 10 सीटें रिजनल के आधार पर वितरित की जाती हैं। बता दें कि 5 सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों और दो पश्चिमी यूरोपीय और अन्य राज्यों में वितरित की जाती हैं। इस चुनाव को जीतने के लिए उम्मीदवार देश को सदस्य के देशों से दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होती है।
भारत को इस साल से पहले और कब मिली थी सदस्यता
भारत को आठवीं बार संयुक्त राष्ट्र की इस महत्वपूर्ण संस्था में सदस्यता मिली है। इसमें पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य हैं। भारत के अलावा आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे ने भी बुधवार को हुए सुरक्षा परिषद चुनाव में जीत हासिल की। कनाडा चुनाव हार गया। चुनाव में 192 सदस्य देशों ने मतदान किया और जीत के लिए 2/3 बहुमत यानि 128 मतों की आवश्यकता थी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने ट्वीट किया, ‘‘सदस्य देशों ने 2021-22 के लिए भारत को अस्थायी सदस्य के तौर पर भारी समर्थन से चुना। भारत को 192 मतों में से 184 मत हासिल हुए।’’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य हैं चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका। बता दें कि इससे पहले भारत 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 तथा 2011-2012 में परिषद का अस्थायी सदस्य बना था।
भारत करेगा कार्यकाल का इस्तेमाल आतकंवाद से निपटने में<
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा है कि उनका देश शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर अपने दो साल के कार्यकाल का इस्तेमाल, आतंकवादी समूहों द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग और आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रवाह को रोकने जैसे मुद्दों से निपटने की रूपरेखा बनाने के लिये करेगा। भारत को दो साल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुने जाने के बाद तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत हमेशा से आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति की वकालत करता रहा है।
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