By रेनू तिवारी | Jun 16, 2025
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने रविवार को भारत-पाकिस्तान सीमा में संभावित बदलाव का सुझाव दिया। शिमला में बोलते हुए कुमार ने सीमा में संभावित बदलाव का संकेत दिया, जो पाकिस्तान में 100-150 किलोमीटर तक विस्तारित हो सकता है।
बदलने वाली है भारत-पाकिस्तान की सीमा!
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके), सिंध, बलूचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे क्षेत्र संभावित रूप से भारत में विलय कर सकते हैं या स्वतंत्रता की मांग कर सकते हैं। किन्नौर, लाहौल और स्पीति की चार दिवसीय यात्रा के समापन के बाद शिमला में मीडिया को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, "एक बात का इंतजार करना चाहिए। यह संभव है कि भारत-पाकिस्तान की सीमा बदल जाए और कच्छ के रण और लद्दाख से हटकर पाकिस्तान में 100-150 किलोमीटर अंदर चली जाए। एक तरफ पाकिस्तान हो सकता है और दूसरी तरफ सिंध, बलूचिस्तान, पख्तूनिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान सहित पीओके हो सकता है। वे सभी आजादी और भारत में विलय के लिए पाकिस्तान के खिलाफ लड़ेंगे..."
कुमार के अनुसार, ये क्षेत्र भारत में विलय कर सकते हैं या स्वतंत्रता की मांग कर सकते हैं। कथित तौर पर पीओके भारत में शामिल होना चाहता है, बलूचिस्तान पूर्ण स्वतंत्रता चाहता है, और सिंध दोनों विकल्पों पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा "अगर कल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके), गिलगित, बलूचिस्तान, सिंध और अन्य इस्लामाबाद के खिलाफ उठ खड़े होते हैं, तो सीमाएं बदल जाएंगी। युद्ध मौजूदा सीमा पर नहीं रहेगा; यह पाकिस्तान के अंदर जाएगा।
कुमार ने दावा किया कि यह दृष्टिकोण भारतीय सरकार, जनता और सेना की इच्छाओं के अनुरूप है, जो संभावित रूप से एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक बदलाव की ओर ले जाएगा। वरिष्ठ आरएसएस नेता ने कहा, "कुमार का दावा है कि यह दृष्टिकोण भारतीय सरकार, जनता और सेना की इच्छाओं के अनुरूप है, जो संभावित रूप से एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक बदलाव की ओर ले जाएगा।"
कुमार ने सुझाव दिया कि पाकिस्तान, चीन और अमेरिका भारत की इस तरह के बदलाव लाने की क्षमता से डरते हैं, जो क्षेत्रीय परिदृश्य को नया रूप दे सकते हैं। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान, चीन और अमेरिका को डर है कि भारत एक दिन ऐसी स्थिति पैदा कर सकता है...मैंने आपको एक साथ कई संकेत दिए हैं। यह सरकार, जनता, भारतीय सेना और इस क्षेत्र की भी इच्छा है। जो पंजाबी पाकिस्तान बचेगा, वह भी आज की सत्ता व्यवस्था को खारिज करता है।
पीओके भारत में विलय चाहता है, बलूचिस्तान पूरी आजादी चाहता है, पख्तूनिस्तान साफ नहीं है...और सिंध आजादी के साथ-साथ भारत में विलय के लिए भी तैयार है..."
चीन हिमालयी क्षेत्र में बौद्धों की पहचान को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है
इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने रविवार को आरोप लगाया कि चीन तिब्बत सहित हिमालयी क्षेत्र में बौद्धों की पहचान और उनकी संस्कृति को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। कुमार ने चीन की सीमा से लगे बौद्ध बहुल आदिवासी जिलों लाहौल और स्पीति तथा किन्नौर के अपने चार दिवसीय दौरे के बाद यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित किया। आरएसएस नेता ने दावा किया कि तिब्बत पर कब्जा करने के बाद चीन उनकी पहचान को कमजोर करने के लिए चीनी युवकों की तिब्बती और हिमालयी बौद्ध लड़कियों से शादी करा रहा है।
उन्होंने कहा कि चीन ने हाल में घोषणा की है कि वह दलाई लामा के उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा करेगा और कहा कि इसका जोरदार विरोध किया जाना चाहिए ताकि यह स्पष्ट संदेश जाए कि तिब्बती और अन्य जगहों के बौद्ध अपने धार्मिक और आध्यात्मिक मामलों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे। कुमार ने कहा कि उन्होंने तिब्बती मठों और इलाकों का दौरा किया और लोगों से बातचीत की। बौद्धों और सनातनी हिंदुओं से एकजुट रहने और उन्हें विभाजित करने के प्रयासों को विफल करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि ईसाई मिशनरियां भी सेवा और शिक्षा के माध्यम से धर्मांतरण करा रही हैं।
(PTI - ANI NEWS)