सिंगापुर में भारतीय अमेरिकी बैंकर को धोखाधड़ी के तहत 13 साल की सजा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 05, 2019

सिंगापुर। भारतीय मूल के एक निजी बैंकर को जालसाजी और धोखाधड़ी के 20 और अन्य 30 आरोप स्वीकार करने के बाद ‘कंप्यूटर दुरुपयोग अधिनियम’ के तहत 13 साल की सजा सुनाई गई। ‘स्ट्रेट टाइम्स’ की खबर के अनुसार केल जगदीश पुरुषोत्तम ने जून 2010 से जनवरी 2013 के बीच ‘बार्कलेज बैंक’ के ग्राहकों के खातों से एक करोड़ डॉलर का गबन किया। उसे सजा सुनाते हुए इसी तरह के अन्य 503 आरोपों पर भी गौर किया गया।

इसे भी पढ़ें: ‘गे प्रतिबंध’ को लेकर सिंगापुर डीजे ने ‘टेडएक्स टॉक’ से अपना नाम वापस लिया

पुरुषोत्तम ने पुराने ग्राहकों को पैसे अदा करने के लिए अपने मौजूदा ग्राहकों के नकली हस्ताक्षर कर एक करोड़ डॉलर का गबन किया। उसने तब राशि की वसूली के लिए के लिए अधिक अनधिकृत लेनदेन किए लेकिन ऐसा करने में वह नाकाम रहा और इससे कम से कम एक करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ। फरवरी 2010 में ब्रिटिश बैंक में नौकरी शुरू करने से पहले, पुरुषोत्तम ने यूबीएस सिंगापुर के लिए काम किया, जहां वह ‘रेड ओक’ नामक कंपनी का प्रबंधक था। कम्पनी ने उसपर आरोप लगाया गया था कि बैंक खाते में मौजूद पैसों का दुरुपयोग कर उसने अनधिकृत विदेशी मुद्रा लेनदेन किया।

इसे भी पढ़ें: सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी हांगकांग की संसद में घुसे

उप लोक अभियोजक जीन टिंग ने बताया कि पुरुषोत्तम ने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए ‘रेड ओक’ को 1.4 करोड़ डॉलर देने की बात भी स्वीकार की। ‘रेड ओक’ को पैसे पुरुषोत्तम ने ‘बार्कलेज बैंक’ के ग्राहकों के खातों से दिए। टिंग ने अदालत को बताया कि उसने इस तरह के लगभग 81 अनधिकृत लेनदेन किए। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, ‘रेड ओक’ के साथ हुए समझौते के बाद ‘बार्कलेज’ को चार करोड़ मिले और पुरुषोत्तम ने बैंक को 4,00,000 अमेरिकी डॉलर अलग से भी चुकाए।

 

प्रमुख खबरें

Mehbooba Mufti को मत मांगने के लिए बच्ची का इस्तेमाल करने पर कारण बताओ नोटिस जारी

BSF के जवान ने अज्ञात कारणों के चलते BSF चौकी परिसर में फाँसी लगाकर की आत्महत्या

SP ने आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की कोशिश की, राम का अपमान किया: Adityanath

तापीय बिजली संयंत्रों के पास मानक के मुकाबले 68 प्रतिशत कोयले का भंडार: सरकारी आंकड़ा