Defence Budget 2023: चीन-पाकिस्तान से मुकाबले के लिए ऐसे और मजबूत होगी भारतीय सेना, रक्षा क्षेत्र को बजट में मिले 5.93 लाख करोड़

By अभिनय आकाश | Feb 01, 2023

किसी भी देश की सैन्य ताकत से उसके आवाम में सुरक्षा की भावना पैदा होती है और देश की रक्षा की खातिर अपने जान की बाजी लगाना त्याग का सबसे बड़ा उदाहरण भी माना जाता है। प्राचीन धर्म ग्रंथों तक में लिखा गया है कि 'जननी, जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी' अर्थात माता और मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी बढ़कर है। आज की दुनिया में किसी देश की ताकत का अंदाजा उसकी सैन्य ताकत से लगाया जाता है। इस लिहाज जिस देश की सेना जितनी बड़ी, अत्याधुनिक और संख्याबल में बड़ी होती है, उसे दुनिया में उतना ही ताकतवर माना जाता। 1 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट पेश किए जाने के साथ ही भारत का रक्षा क्षेत्र सुर्खियों में है। विशेषज्ञ इस साल के बजट में रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की उम्मीद जता रहे थे और इसके पीछे का प्रमुख कारण ताजा हालात है। चीन के साथ सीमा मुद्दों और रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध कुछ ऐसे प्रमुख कारक हैं जिन पर सरकार को इस क्षेत्र को धन आवंटित करते हुए इसमें इजाफे की अदद दरकार भी थी। जिसके मद्देनजर मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित राशि बढ़ाकर 5.94 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। 

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नए हथियार और अन्य सैन्य साजोसामान की खरीद शामिल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट पेश किया जिसमें पूंजीगत व्यय के लिए कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। इनमें नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजोसामान की खरीद शामिल है। वित्त वर्ष 2022-23 में, पूंजी परिव्यय के लिए बजटीय आवंटन 1.52 लाख करोड़ रुपये था, लेकिन संशोधित अनुमान के अनुसार व्यय 1.50 लाख करोड़ रुपये था। अगले वित्त वर्ष के बजट दस्तावेजों के अनुसार, राजस्व व्यय के लिए 2,70,120 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जिनमें वेतन भुगतान और प्रतिष्ठानों के रखरखाव पर होने वाले खर्च शामिल हैं। 

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वेतन भुगतान के लिए कितना बजट?

वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित राशि बढ़ाकर 5.94 लाख करोड़ रुपये कर दी गई है जो पिछले साल 5.25 लाख करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2022-23 में राजस्व व्यय के लिए बजटीय आवंटन 2,39,000 करोड़ रुपये था। 2023-24 के बजट में, रक्षा मंत्रालय (सिविल) के लिए पूंजीगत परिव्यय 8,774 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि पूंजीगत परिव्यय के तहत 13,837 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। रक्षा पेंशन के लिए अलग से 1,38,205 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। पेंशन परिव्यय सहित कुल राजस्व व्यय 4,22,162 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। बजट दस्तावेजों के अनुसार, रक्षा बजट का कुल आकार 5,93,537.64 करोड़ रुपये है।


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