By अंकित सिंह | Jun 22, 2025
यमन के मिलिशिया समूह हूती विद्रोहियों ने एक बयान जारी कर धमकी दी है कि अगर अमेरिका ईरान-इज़राइल संघर्ष में शामिल होता है तो मध्य पूर्व में अमेरिकी जहाजों पर हमला किया जाएगा। हौथी विद्रोहियों के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याहा सारी ने शनिवार को कहा कि ईरान के खिलाफ़ इज़रायली दुश्मन के समर्थन में कोई भी अमेरिकी हमला और आक्रमण, जिसका उद्देश्य इज़रायली दुश्मन को पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण करने में सक्षम बनाना है - इस पर चुप नहीं रहा जा सकता। अगर इज़रायली दुश्मन के साथ मिलकर ईरान पर हमले और आक्रमण में अमेरिकी शामिल होता है, तो यमन की सशस्त्र सेना लाल सागर में उसके जहाजों और युद्धपोतों को निशाना बनाएगी।
सशस्त्र बल क्षेत्र में सभी गतिविधियों पर नज़र रख रहे हैं, जिसमें हमारे देश के खिलाफ़ शत्रुतापूर्ण गतिविधियाँ भी शामिल हैं, और ईश्वर की मदद से, हमारे प्यारे देश और उसके गौरवशाली लोगों की रक्षा के लिए आवश्यक वैध उपाय करेंगे। यह कथन तब फिर से सामने आया है जब अमेरिका इजरायल-ईरान संघर्ष में शामिल हो गया है। राष्ट्र के नाम एक संक्षिप्त संबोधन में, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की कि अमेरिकी बमवर्षकों ने ईरान की तीन प्रमुख परमाणु सुविधाओं को "पूरी तरह से नष्ट" कर दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान "शांति बनाने" के लिए सहमत नहीं होता है तो अतिरिक्त लक्ष्यों पर हमला किया जाएगा। हमलों में शायद ही कभी इस्तेमाल किए जाने वाले बी-2 स्टील्थ बॉम्बर शामिल थे, जो अमेरिका की परमाणु निरोध रणनीति का एक अत्यधिक गोपनीय और महत्वपूर्ण तत्व है।
अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के मकसद से इजराइल की ओर से शुरू किए गए हमलों में शामिल होते हुए रविवार तड़केतीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों की जानकारी देते हुए कहा कि ईरान के परमाणु केंद्र ‘‘पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए हैं’’। साथ ही उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि अगर उसने जवाबी कार्रवाई की तो उसके खिलाफ और अधिक हमले किए जा सकते हैं। हमले के बाद क्षति का कोई स्वतंत्र आकलन नहीं किया गया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या अमेरिका अपने सहयोगी इजराइल के साथ ईरान पर हमला जारी रखेगा। इजराइल ने पिछले नौ दिन से ईरान के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है।