By अभिनय आकाश | Jun 14, 2025
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु देखरेख संस्था (IAEA) ने पिछले दिनों कहा था कि ईरान अपने परमाणु समझौते के दायित्वों का उल्लंघन कर रहा है। इसके बाद इजरायल और अमेरिका इस बात को लेकर चितित हो गए कि अगर ईरान को परमाणु हथियार मिला तो वह क्षेत्रीय शक्ति बन सकता है। इजरायल ने 13 जून को ईरान पर किए गए हमलों को अपने अस्तित्व पर बढ़ते परमाणु खतरे से निपटने की कार्रवाई बताया।
मिलिट्री कमांडरों पर अटैक क्यों किया ?
विश्लेषकों का कहना है कि इन हमलों के पीछे डिकैपिटेशन स्ट्राइक की रणनीति थी, यानी शीर्ष नेतृत्व को निशाना वनाकर ईरान की कमान सिस्टम को तहस-नहस करना। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इस्राइल का यह हमला सिर्फ परमाणु कार्यक्रम को खत्म करना नहीं, वल्कि ईरान को कड़ा जवाव देने की क्षमता से भी रोकना था।
जनरल सुलेमानी की मौत से नहीं उबर पाया
2020 में ईरान के ईरान के सबसे प्रभावशाली सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरानी सेना और परमाणु कार्यक्रम संभल नहीं पाया। 5 साल में 9 सैन्य कमांडर और 7 परमाणु वैज्ञानिक मारे जा चुके हैं। शुक्रवार को ये 6 कमांडर मारे गए।
1. मेजर जनरल मोहम्मद वामेरी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ, सैन्य रणनीतिकार और खुफिया विशेषतः
2. जनाल हुसैन सलामी रिवोल्यूशनरी गार्ड के कमांडर-इन-चीफ।
3. जनरल खोलामाली लीदः सेनाओं के उप कमांडर-इन-चीफ ईरान की ड्रोन क्षमताओं के मास्टरमाइंड।
4. अली सामाधानीः सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व सचिव गंभीर घायल, इलाज के दौरान मारे गए।
5. फेरेदून अब्बासी-दावानी वैज्ञानिक, परमाणु हथियार रिसर्च में प्रमुख व्यक्ति थे, वे रास्ते में कार हमले में मारे गए।
6. मोहम्मद मेहदी तेहरांगीः भौतिक विज्ञानी, यूरेनियम संवर्धन सलाहकार) तेहरान में फ्लैट पर हमले में मारे गए।