By अनुराग गुप्ता | Apr 12, 2022
भारत और अमेरिका के बीच चौथी टू प्लस टू वार्ता हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने युद्धग्रस्त यूक्रेन समेत मौजूदा घटनाक्रमों पर चर्चा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच इस क्षेत्र में अपने सहयोग की समीक्षा की। टू प्लस टू वार्ता में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और उनके भारतीय समकक्षों एस जयशंकर और राजनाथ सिंह ने भाग लिया।
एस जयशंकर ने बताया कि हमने अपने विदेश और रक्षा समकक्षों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। हमें निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन की डिजिटल बैठक के माध्यम से प्राप्त मार्गदर्शन से लाभ हुआ है, जिसमें हम सभी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि टू प्लस टू वार्ता का उद्देश्य भारत-अमेरिका साझेदारी के लिए एकीकृत दृष्टिकोण को और बढ़ावा देना है।
सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि अमेरिका ने आत्मनिर्भरता के प्रश्न पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। कहीं पर उनकी बातचीत में नकारात्मकता नहीं दिखी। उन्होंने बताया कि मैंने अमेरिका के लोगों से अपील की है कि वहां की कंपनियों का भारत में स्वागत है वो लोग मिल-जुलकर को-प्रोडक्शन करें।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक टू प्लस टू वार्ता के दौरान यह पूछे जाने पर क्या अमेरिका एस-400 की खरीद को लेकर भारत पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है ? तो इस पर एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हम सभी देशों से रूसी हथियारों से बचने का अनुरोध करते हैं। विशेषतौर पर उन हालातों पर जब यूक्रेन पर रूस हमला कर रहा है।
रूस से तेल लेना भारत के हित में नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत में कहा कि रूस से तेल की खरीद बढ़ाना भारत के हित में नहीं है और वह ऊर्जा आयात में और विविधता लाने में भारत की मदद करने को तैयार हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बताया कि जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई डिजिटल बैठक के दौरान यह टिप्पणी की।
बैठक के दौरान बाइडेन ने कहा कि रूस से अपने तेल आयात में तेजी लाना या इसे बढ़ाना भारत के हित में नहीं है। अभी भारत अपनी जरूरत का एक से दो फीसदी तेल रूस से जबकि 10 फीसदी तेल अमेरिका से आयात करता है। साकी ने कहा कि अमेरिका ऊर्जा संसाधनों में और विविधता लाने में भारत की मदद करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत का रूस से तेल और गैस खरीदना किसी भी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं है।
गौरतलब है कि भारत और अमेरिका के बीच में टू प्लस टू वार्ता का ऐलान साल 2017 में उस वक्त किया गया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात हुई थी। जिसके एक साल बाद सितंबर 2018 में दोनों देशों के बीच पहली टू प्लस टू वार्ता हुई थी। इसके बाद दिसंबर 2019 में दूसरी और अक्टूबर 2020 में तीसरी टू प्लस टू वार्ता हुई थी।