By अभिनय आकाश | Jul 18, 2025
अगर मैं आपसे कहूं कि एक सब्जी वाले के अपहरण से मीडिल ईस्ट पर एक बड़े जंग का खतरा मंजरा रहा है तो आप चौंकेंगे। ऐसा वाकई हो रहा है। 12 जुलाई की तारीख थी और रात का वक्त था जब सदला नईम नाम के सब्जी विक्रेता अपनी सब्जियां बेचकर अपने घर लौट रहे थे। इनके पास सब्जियों से भरा एक ट्रक था। ये ट्रक सीरिया की राजधानी दमिश्क से सुवैदा शहर की ओर जा रहा था। इसी दौरान कुछ लोगों ने नईम का रास्ता रोका और बंदूक की नोक पर उन्हें डराया धमकाया, गाली गलौज करते हुए उनकी पिटाई भी कर दी। इतना ही नहीं उनके मोबाइल फोन, पैसे और सब्जी का ट्रक भी अपने कब्जे में ले लिया। साथ ही उनका अपहरण कर अपने साथ ले गए। कुछ वक्त में नईम को रिहा कर दिया। लेकिन अपहरणकर्ताओं ने अपना संदेश दे दिया था।
दरअसल, नईम सीरिया के अल्पसंख्यक ड्रूस समुदाय से आते हैं। सीरिया में लंबे समय से इस समुदाय पर अत्याचार हो रहा है। ड्रूस लोगों की मान्यता इस्माइली शिया समुदाय से मेल खाती है। उनके सबसे बड़े दुश्मन सीरिया के कुछ सुन्नी इस्लामिक गिरोह हैं। इनमें से कुछ तो मौजूदा सीरिया की सरकार में भी शामिल हैं। दुनिया भर में लगभग दस लाख ड्रूज़ लोगों में से आधे से ज़्यादा सीरिया में रहते हैं। इसके चलते इलाके में सरकारी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया। हालाँकि, उन्हें बेडौइन जनजातियों का पक्ष लेते देखा गया। सीरियाई वेधशाला ने बताया कि झड़पों में लगभग 300 लोग मारे गए हैं, जिनमें से 27 को तुरंत फांसी दे दी गई। दरअसल, ऐसे वीडियो और रिपोर्ट सामने आए हैं जिनमें सरकारी बलों को घरों को जलाते और लूटते और ड्रूज़ पुरुषों की जबरन मूंछें मुंडवाकर उन्हें अपमानित करते हुए दिखाया गया है।
सीरिया के स्वैदा प्रांत में हालिया संघर्ष के बाद सीरियाई सेना पीछे हट गई है। डूज मिलिशिया और सुन्नी बेदुइन गुटों के बीच झड़पों के बाद सरकार ने सैन्य कार्रवाई की, जिससे हालात बिगड़ गए। इजरायल ने डूज की सुरक्षा के नाम पर सीरिया पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया। 15 जुलाई को इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि यहूदी राष्ट्र इज़राइल में हमारे ड्रूज़ नागरिकों के साथ गहरे भाईचारे के गठबंधन और सीरिया में ड्रूज़ के साथ उनके पारिवारिक और ऐतिहासिक संबंधों के कारण ड्रूज़ को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तुरंत बाद, इज़राइल ने सीरिया पर हवाई हमले किए और स्वेदा में कई सीरियाई सैन्य ठिकानों पर बमबारी की। इज़राइली रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने कहा कि हम सीरिया में ड्रूज़ को नुकसान नहीं पहुँचने देंगे। उन्होंने आगे कहा कि उनका देश मूक-मूक खड़ा नहीं रहेगा। अमेरिका, तुर्की और अरब देशों की मध्यस्थता से सीजफायर हुआ, पर डूज मिलिशिया ने इसे अब तक स्वीकार नहीं किया।
डूज एक अलग धार्मिक संप्रदाय है, जो लेबनान, सीरिया और इजरायल में फैला है और अकसर अपनी सुरक्षा के लिए इजरायल से समर्थन लेता है। इस हफ्ते की शुरुआत में सुन्नी समूह और डूज के बीच हिंसा के बाद सीरियाई सेना इसमें शामिल होना पड़ा। तब इस्त्राइल ने स्वैदा पर ड्रोन हमले किए। स्वैदा में डूज को निशस्त्र कर राजनीतिक समाधान निकालना सीरिया के प्रमुख अहमद अल शूरा की प्राथमिकता है। वहीं डूज की सुरक्षा के नाम पर इस्त्राइल रणनीतिक बढ़त चाहता है ताकि वहां सीरियाई सेना की मौजूदगी ना रहे और गोलान हाइट्स सुरक्षित रहे।
इज़राइल सीरिया को निशाना बना रहा है। इज़राइली सेना ने सीरियाई टैंकों पर हमला किया और सैनिकों पर दर्जनों ड्रोन हमले जारी रखे हैं, जिनमें कुछ सैनिक मारे गए हैं। लेकिन सने अपने हमलों को तेज़ कर दिया और दो बार हमला किया। यहूदी राष्ट्र ने दमिश्क स्थित सीरियाई सेना के मुख्यालय पर हमला किया, जहाँ रक्षा मंत्रालय भी स्थित है। प्रत्यक्षदर्शियों ने एएफपी को बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन के उस क्षेत्र में एक विस्फोट सुना, जहाँ इज़राइली सेना ने कहा था कि उसने एक सैन्य लक्ष्य पर हमला किया था।
इतना सब कुछ चल रहा था और दुनिया के सबसे बड़े ठेकेदार अमेरिका कहां चुपचाप रहने वाला था। अमेरिका ने हर बार कि तरह इस मुद्दे पर भी दखलअंदाजी की। इजरायल के हमलों ने ड्रूज को तो बचा लिया। लेकिन नेतन्याहू के इशारे पर जिन अहमद अल शरा के लड़ाकों पर हमले किए गए उस शरा पर मई के महीने पर ही ट्रंप ने अपना वरहद अस्र रखा था। सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा पहले अमेरिका की तरफ से डेजीग्रेनेटेड आतंकी थे। लेकिन सीरिया ने उनके साथ दोस्ती कर ली तो अमेरिका ने सभी प्रतिबंध हटा लिए। इसलिए सीरिया पर हमला होते ही अमेरिकी सरकार और सिस्टम फौरन हरकत में आ गया। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने सीरिया में जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए सभी पक्षों के साथ संपर्क किया है। रूबियो ने एक्स पर सीजफायर की घोषणा करते हुए कहा कि हमने सभी पक्षों से बात की है और अब सीजफायर हो जाएगा। इसके लिए सभी पक्षों को अपनी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। इधर सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा ने कहा कि हम जंग से नहीं डरते। अराजकता और विनाश से ऊपर अपने लोगों को रखने का फैसला किया है और दक्षिणी इलाके स्वेदा से अपनी सेना को वापस बुला लिया है।