Gaganyaan Mission: इसरो ने अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा की कुंजी खोजी, गगनयान की सुरक्षित लैंडिंग का टेस्ट पास!

By रेनू तिवारी | Aug 25, 2025

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के पास एकीकृत वायु ड्रॉप परीक्षण (IADT-01) करके अपने गगनयान कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। ​​इस महत्वपूर्ण परीक्षण का उद्देश्य मिशन के दौरान समुद्र में क्रू मॉड्यूल की सुरक्षित लैंडिंग के लिए महत्वपूर्ण पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली की पुष्टि करना था।

इसे भी पढ़ें: गुवाहाटी में खराब मौसम के कारण इंडिगो की उड़ान अगरतला भेजी गई, विमान में हिमंत विश्व शर्मा भी थे

 

इसरो को मिली एक और बड़ी सफलता 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के निकट रविवार को इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (आईएडीटी-01) का सफल परीक्षण किया जो गगनयान कार्यक्रम के लिए पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली की प्रणाली-स्तरीय योग्यता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसरो ने कहा कि श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में किए गए इस परीक्षण में ‘‘एक विशिष्ट मिशन परिदृश्य में गगनयान मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल की महत्वपूर्ण पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली को सफलतापूर्वक दर्शाया गया।’’

इसे भी पढ़ें: सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार पर शाह की टिप्पणी की निंदा की

 

अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी तय!

इसरो ने इस परीक्षण को ‘‘पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली का प्रणाली-स्तरीय मूल्यांकन’’ का हिस्सा बताया, जिसमें मंदन प्रणाली को शामिल करते हुए एक कृत्रिम क्रू मॉड्यूल (सीएम) को एक हेलीकॉप्टर का उपयोग करके उतारा जाता है। इसके उद्देश्य की व्याख्या करते हुए इसरो ने रविवार देर रात जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘गगनयान मिशनों में क्रू मॉड्यूल के उतरने के क्रम में अंतिम चरण के दौरान पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली का उपयोग किया जाता है ताकि समुद्र में सुरक्षित रूप से उतरने के लिए ‘टचडाउन’ वेग को स्वीकार्य सीमा तक कम किया जा सके।’’

गगनयान की सुरक्षित लैंडिंग का अहम टेस्ट पास 

जिस पैराशूट प्रणाली का परीक्षण किया गया वह ‘‘गगनयान मिशनों के समान’’ थी और इसमें 10 पैराशूट शामिल थे - दो एपेक्स कवर सेपरेशन (एसीएस), दो ड्रोग, तीन पायलट और तीन मुख्य कैनोपी। इसरो ने कहा कि इसरो केंद्रों के अलावा, ‘‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल सहित अन्य सरकारी एजेंसियों ने भी इस बड़े परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने में योगदान दिया।’’ आने वाले दिनों में इसी तरह के अन्य परीक्षण करने की योजना है।

प्रमुख खबरें

Priyanka Gandhi ने UDF पर भरोसा जताने के लिए केरल की जनता को धन्यवाद दिया

Messi के 14 दिसंबर को Mumbai दौरे के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है : पुलिस

इस सर्दी में दिल्ली में पराली जलाने की कोई घटना नहीं हुई: Delhi Chief Minister

Pakistan में ड्रोन के रिहायशी इलाके में गिरने से तीन बच्चों की मौत