By अभिनय आकाश | Nov 19, 2025
एससीओ समिट का मौका जहां भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर हिस्सा ले रहे थे और उनके सामने पाकिस्तान था। एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मॉन्च पर पाकिस्तान को सरेआम जलील कर भारत ने इस वैश्विक प्लेटफॉर्म का फायदा उठाया है। इसके साथ ही भारत ने अपने कमिटमेंट को पूरी दुनिया के देशों के सामने एससीओ देशों के सामने यह कह दिया है कि भारत जब चाहेगा तब बदला लेगा। अगर हमला होगा तो भारत बदला लेगा। यह बहुत स्पष्ट तरीके से यह भारत ने कह दिया है। एस जयशंकर ने यह भी हम आपको आगे सुनाएंगे। लेकिन जो रूस में जो मेजबानी हो रही है शघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन एसइओ की उसके हेड्स ऑफ गवर्नमेंट काउंसिल की मीटिंग में भारत ने अपनी एक मजबूत लाइन खींची है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस समिट में हिस्सा लेते हुए कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर हमारा जोर है। दिल्ली में हुए धमाके के बाद इस तरह का बयान आना यह बताता है कि भारत अपने तेवर ढीले नहीं करेगा। जयशंकर ने साफ शब्दों में कहा है कि आतंकवाद को किसी भी रूप में जो है वो भेद नहीं किया जा सकता और भारत अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया को इस खतरे के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा आतंकवाद के मामले में ना लीपापोती ना ही कोई बहाना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को ना तो नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और ना ही छिपाया जा सकता है। विदेश मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार है और वह इसका प्रयोग करेगा।
जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता, इसपर लीपापोती नहीं की जा सकती है। उन्होंने इस बात भी पर जोर दिया कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार है और वह इसका प्रयोग करेगा। भारत की सामूहिक और बिना किसी समझौते वाली कार्रवाई की मांग दोहराते हुए, उन्होंने एससीओ नेताओं से कहा कि आतंकवाद का मुकाबला साझा प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।
जयशंकर ने कहा कि हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि एससीओ की स्थापना आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद की 3 बुराइयों से निपटने के लिए की गई थी। बीते वर्षों में ये खतरे और भी गंभीर हो गए हैं। जयशंकर ने वैश्विक आर्थिक स्थिति को रेखांकित करते हुए प्रभावशाली संगठन में अधिक सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारा आकलन है कि मैजूदा समय में वैश्विक आर्थिक स्थिति विशेष रूप से अनिश्चित और अस्थिर है। डिमांड की जटिलताओं के कारण आपूर्ति के जोखिम और भी बढ़ गए हैं। इसलिए जोखिम कम करने और विविधीकरण की तत्काल आवश्यकता है। एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने की थी। भारत और पाक 2017 में इसके स्थायी सदस्य बने थे। जुलाई 2023 में ईरान को स्थायी सदस्य बनाया गया था
पाकिस्तान के साथ भारत का तनाव है उसको लेकर चेतावनी है कि सुधर जाओ वरना सुधार देने की जिद तो हमने अब ठान ही ली है। जैसे समझोगे वैसे समझा देंगे और भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जो अपनी नो मर्स पॉलिसी है उसको मजबूत करने का मन बना रखा है और यही वजह है कि वो लगातार इस तरह के सेक्टर्स में इस तरह के बयान जो है वो देता आ रहा है और दे रहा है। एसईओ समिट में इस तरह के बयान से जो है भले पाकिस्तान जैसे देश तमाम मुद्दों पर रोते रहे खुद को पीड़ित खुद को शोषित बताते रहें। यह हर किसी को मालूम है कि पाकिस्तान ही आतंकवाद की जननी रहा है। पाकिस्तान में इसके लिए क्राउड फंडिंग होती है। पाकिस्तान सरकार पैसा देती है। आईएसआई पैसा देती है। आर्मी पैसा देती है कि लो पैसे और आतंकवाद फैलाओ पूरी दुनिया में पाकिस्तान का कहर बरपाओ। अब वही कोशिशें जब भारत में नाकाम होने लगी हैं, पाकिस्तान बिलबिलाने लगा है।