'न संसद, न कार्यपालिका, संविधान सर्वोच्च है', उपराष्ट्रपति धनखड़ के बयान पर कपिल सिब्बल का पलटवार

By अंकित सिंह | Apr 22, 2025

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एक बार फिर से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि न तो संसद और न ही कार्यपालिका बल्कि संविधान सर्वोच्च है। सिब्बल ने यह भी दावा किया कि अदालत ने जो कुछ भी कहा वह देश के संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप था और राष्ट्रीय हित से प्रेरित था। सिब्बल की टिप्पणी एक्स पर पोस्ट के तुरंत बाद आई जब धनखड़ ने कहा कि संवैधानिक प्राधिकरण द्वारा बोला गया हर शब्द सर्वोच्च राष्ट्रीय हित से निर्देशित होता है।

 

इसे भी पढ़ें: संसद ही सर्वोच्च, इससे ऊपर कोई नहीं... आलोचना के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान


हाल ही में शीर्ष अदालत की एक पीठ ने भारत के राष्ट्रपति को राज्यपालों द्वारा उनकी मंजूरी के लिए आरक्षित विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए तीन महीने की समयसीमा निर्धारित की है। निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए धनखड़ ने कहा कि न्यायपालिका "सुपर संसद" की भूमिका नहीं निभा सकती और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में नहीं आ सकती। कपिल सिब्बल ने एक्स पर लिखा कि न संसद, न कार्यपालिका सर्वोच्च है। संविधान सर्वोच्च है। संविधान के प्रावधानों की व्याख्या सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की जाती है। इस देश ने अब तक कानून को इसी तरह समझा है! 

 

इसे भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट संविधान का संरक्षक है, उपराष्ट्रपति की न्यायपालिका संबंधी टिप्पणी पर बोले पूर्व न्यायधीश


दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, धनखड़, जो राज्यसभा के सभापति भी हैं, ने कहा कि संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा बोला गया हर शब्द राष्ट्र के सर्वोच्च, उदात्त हित से निर्देशित होता है। उन्होंने कहा, "मुझे यह बात दिलचस्प लगती है कि कुछ लोगों ने हाल ही में यह विचार व्यक्त किया है कि संवैधानिक पद औपचारिक और सजावटी हो सकते हैं। इस देश में हर किसी की भूमिका के बारे में गलत समझ से कोई भी दूर नहीं हो सकता है - चाहे वह संवैधानिक पदाधिकारी हो या नागरिक।"

प्रमुख खबरें

रुपये को संभालने मैदान में उतरा RBI, सात महीने में सबसे बड़ी मजबूती दर्ज

Indigo को मिली राहत, सीईओ पीटर एल्बर्स बोले– अब हालात कंट्रोल में

White House में ट्रंप की ‘प्रेसिडेंशियल वॉक ऑफ फेम’, पूर्व राष्ट्रपतियों पर तंज से मचा विवाद

Delhi में BS-VI नियम सख्त, बिना PUC वाहनों को नहीं मिलेगा ईंधन