कर्नाटक उपचुनाव नतीजे: शुरुआती रुझान में बीजेपी के लिए राहत,15 में 10 सीट पर बनाई बढ़त

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 09, 2019

कर्नाटक में हुए उपचुनाव में सभी 15 सीटों के रुजान सामने आ गए हैं। शुरुआती रुझानों में बीजेपी ने अच्छी बढ़त बना ली है। 15 में से 10 सीट पर बीजेपी, दो पर कांग्रेस, दो पर जेडीएस और एक सीट पर अन्य का विधायक आगे है।

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कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना राज्य के 11 केंद्रों में सोमवार सुबह आरंभ हो गई। इन उपचुनावों के लिए पांच दिसंबर को मतदान हुए थे। ये चुनाव परिणाम राज्य में चार महीने पुरानी बी एस येदियुरप्पा नीत भाजपा सरकार का भविष्य तय करेंगे। निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि मतगणना सुबह आठ बजे आरंभ हुई। उन्होंने बताया कि चुनाव परिणाम 11 बजे से आने आरंभ होने की उम्मीद है। विधानसभा उपचुनाव में कुल 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ था। 25 लाख 65 हजार 252 मतदाताओं (13,10,344 पुरुष एवं 12,54,874 महिलाओं और 34 अन्य) ने मताधिकार का प्रयोग किया था जबकि कुल 37.78 लाख मतदाता मतदान करने के लिए योग्य थे। अंतिम आंकड़ों के मुताबिक हसकोट में सर्वाधिक मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया जो 90.90 प्रतिशत रहा जबकि सबसे कम मतदान 46.74 के आर पुरम में दर्ज किया गया। 

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भाजपा को राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए 225 सदस्यीय विधानसभा (स्पीकर सहित) में 15 सीटों (जिन पर उपचुनाव हुए हैं) में कम से कम छह सीटें जीतने की जरूरत है। हालांकि, अब भी मास्की और आर आर नगर सीटें रिक्त रहेंगी। ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से पैदा हुई रिक्तियों को भरने के लिए कराए गए। इन विधायकों में कांग्रेस और जद(एस) के बागी नेता शामिल थे। इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एचडी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद(एस) सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ। 

विधानसभा में अभी भाजपा के पास 105 (एक निर्दलीय सहित), कांग्रेस के 66 और जद (एस) के 34 विधायक हैं। बसपा का भी एक विधायक है। इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और विधानसभा अध्यक्ष हैं। अयोग्य करार दिए गए 13 विधायकों को भाजपा ने अपना टिकट दिया। उपचुनाव लड़ने के लिए उच्चतम न्यायालय से इजाजत मिलने के बाद पिछले महीने वे भाजपा में शामिल हो गए थे। जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें 12 पर कांग्रेस और तीन पर जद (एस) का कब्जा है। उल्लेखनीय है कि राज्य में ये उपचुनाव 21 अक्टूबर को होने थे लेकिन चुनाव आयोग ने इसे पांच दिसंबर के लिए टाल दिया था।दरअसल, शीर्ष न्यायालय ने अयोग्य करार दिए विधायकों की याचिकाओं की सुनवाई करने का फैसला किया था।

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